आप लोगों ने लड़ाई से पहले की दुंदुभी बजा दी है… थैंक यू दास
देश के सबसे बड़े टीवी9 नेटवर्क के ‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ ग्लोबल समिट के सबसे खास मेहमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने आज 21वीं सदी के खुद को छोटा सोचना छोड़ दिया है. आज हम जो करते हैं, वो बेस्ट और बिगेस्ट होता है. आज भारत की उपलब्धियां देखकर दुनिया भी हैरान है. इससे पहले जब वह मंच पर आए तो टीवी9 नेटवर्क के एमडी और सीईओ बरुण दास ने प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार अंदाज में स्वागत किया तो इस पर पीएम ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि आप लोगों ने लड़ाई से पहले की दुंदुभी बजा दी है.
व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ ग्लोबल समिट के दूसरे दिन आज सोमवार को टीवी9 नेटवर्क के एमडी और सीईओ बरुण दास की ओर से दिए गए स्वागत भाषण के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मजाकिया अंदाज में कहा, “हमारे यहां पुराने जमाने में युद्ध में जाने से पहले बहुत जोरों की दुंदभी बजाई जाती थी. बड़े दुगल बजाए जाते थे. क्योंकि ये जाने वाला है और थोड़ा जोश में जाए. थैंक्यू दास. थैंक्यू दास.”
रिपोर्टिंग टीम में दिखती है विविधताः PM मोदी
अपने संबोधन की शुरुआत में पहले पीएम मोदी ने कहा कि टीवी9 के दर्शकों को मेरा नमस्कार. TV9 में काम करने वाले रिपोर्टर और तकनीकी टीम कड़ी मेहनत कर रही है. TV9 अब पूरे देश में कई प्रमुख भाषाओं में फैल चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं अक्सर भारत की विविधता की चर्चा करता रहता हूं. यह विविधता टीवी9 की न्यूज रूम, आपकी रिपोर्टिंग टीम में बखूबी नजर आती है. यह उसमें दिखता भी है. टीवी9 के अनेक भारतीय भाषाओं में मीडिया प्लेटफॉर्म्स हैं, आप भारत की वायब्रेंट डेमोक्रेसी के प्रतिनिधि भी हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाओं में टीवी9 में काम करने वाले सभी पत्रकार साथियों का, सभी तकनीकी टीम का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं. साथियो, टीवी9 की टीम ने इस समिट के लिए बड़ा रोचक टॉपिक चुना है. वो India: Poised For The Next Big Leap है.
बड़े लोग आए और चले गए, देश अमरः PM मोदी
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने टीवी9 नेटवर्क के एमडी और सीईओ बरुण दास का एक बार फिर जिक्र किया, और कहा, “अभी दास (बरुण) का एक कोट सुन रहा था. लेकिन मैं उससे थोड़ा डिफर करता हूं. उन्होंने कहा कि इतिहास एक प्रकार से बड़े महानुभावों की बॉयोग्राफी होती है. हो सकता है कि यह पश्चिम की सोच हो. लेकिन यहां हिंदुस्तान में सामान्य मानविकी बॉयोग्राफी में वही प्यार होता है. वही देश का सच्चा सामर्थ्य होता है. इसलिए बड़े लोग आए और चले गए. देश सदा अमर रहता है.”
उन्होंने कहा कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत है. ये बदलाव का माइंडसेट है. हमारे सामर्थ्य को कम करके आंका जाता है. लाल किले से भारतीयों को आलसी कहा गया. मेहनत से जी चुराने वाला कहा गया. जब नेतृत्व में निराशा भरी हुई हो तो देश में आशा का संचार कैसे होता. इसलिए देश के अधिकांश लोगों ने मान लिया था कि देश ऐसे ही चलेगा.
अब हम बिग और बिगेस्ट सोचते हैंः PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 सालों में देश में आशा का संचार हुआ है. आज देश में जरुरी नीतियां भी तेजी से बनती हैं. निर्णय भी उतनी तेजी से लिए जाते हैं. माइंडसेट में बदलाव ने कमाल करके दिखा दिया है कि निराशा के माहौल में आशा का संचार कैसे होता है. इसलिए मैं कहता है कि 21वीं सदी में अब छोटा सोचना छोड़ दिया है. जो सोचते हैं बिग और बिगेस्ट सोचते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “पहले की सरकारों की एक और सोच ये हुआ करती थी कि वो देश की जनता को अभाव में रखना पसंद करती थीं. अभाव में रह रही जनता को ये लोग चुनाव के समय थोड़ा-बहुत देकर, अपना स्वार्थ सिद्ध कर लिया करते थे. इसके चलते ही देश में एक वोट बैंक पॉलिटिक्स का जन्म हुआ यानी सरकार केवल उसके लिए काम करती थी जो उन्हें वोट देता था.”
अपने तीसरे कार्यकाल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे तीसरे कार्यकाल में हमें भारत के सामर्थ्य को नई ऊंचाई तक पहुंचाना है. विकसित भारत की संकल्प यात्रा में आने वाले पांच साल हमारे देश की प्रगति और प्रशस्ति के साल हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज दुनिया को लगता है कि भारत एक बड़ा लीप लेने के लिए तैयार है, तो उसके पीछे 10 साल का एक पावरफुल लॉन्चपैड है.