पीएम मोदी ने बताई देश की असल ताकत, अब ऐसे विकसित राष्ट्र बनेगा इंडिया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विभिन्न क्षेत्रों में भारतीयों का शानदार कार्य और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का उत्साह देश की सबसे बड़ी ताकत है. जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन (जेआईटीओ) के इनक्यूबेशन इनोवेशन फंड के सातवें स्थापना दिवस पर लिखित संदेश में मोदी ने कहा कि भारत के प्रति दुनियाभर में जिस तरह का आशावाद और भरोसा देखा जा रहा है, वह देश की ताकत को दिखाता है.
पीएम मोदी का ये है लक्ष्य
मोदी ने कहा कि भारत अपार संभावनाओं वाला देश है. विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हमारे देशवासियों की भागीदारी और देश के विकास के लिए उनका उत्साह हमारी सबसे बड़ी ताकत है. प्रधानमंत्री ने टेक्नोलॉजी के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है.
उन्होंने कहा कि विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करना और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक है. मोदी ने कहा कि आज का आशावाद और हमारी क्षमताओं में अटूट विश्वास अंतरिक्ष विज्ञान, रक्षा और व्यापार सहित सभी क्षेत्रों तक फैला हुआ है. जेआईटीओ जैसे संगठनों ने पिछले दशक में इन उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में योगदान दिया है.
200 करोड़ रुपए का निवेश
जेआईटीओ इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन फंड (जेआईआईएफ) ने छह और सात जुलाई को अपना वार्षिक इनोवेशन कॉन्क्लेव आयोजित किया. इसका विषय था प्रभावकारी विचार: इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देना. जेआईटीओ की सब्सिडियरी कंपनी जेआईआईएफ ने 80 कंपनियों में 200 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है और 25 से अधिक जैन उद्यमियों को ट्रेनिंग दी है.
ऐसे करना होगा काम
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने को लेकर एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा था कि भारत अभी भी कई मामलों में काफी पिछड़ा है. अगर वह उन मोर्चों पर सफलता हासिल कर लेता है तो उसके लिए विकसित राष्ट्र की मंजिल आसान हो जाएगी. उन मोर्चों में कुछ कारक बाजार सुधारों में भूमि, रोजगार, एनर्जी सेक्टर और बढ़ती कर्ज पर लगाम लगाना शामिल है. रोजगार बढ़ाने के लिए एक योजना की 2020 में संसद से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका है. पार्क ने कहा कि नियामकीय और कारोबारी सुगमता तथा शुल्क को आसान और कम करके भारत वैश्विक मूल्य कैटेगरी में हिस्सेदारी बढ़ा सकता है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मानव पूंजी में अधिक निवेश होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा जैसे सघन विनिर्माण वाले क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जो अब भी बहुत सीमित हैं और एशिया के अन्य अधिक गतिशील हिस्सों की तरह तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं. पार्क ने कहा कि दोहरे अंक की वृद्धि हासिल करने के लिए भारत विभिन्न मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र और वैश्विक अग्रणी प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश की जरूरत होगी.

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