झारखंड चुनाव को लेकर अमित शाह के आवास पर हो सकती है बैठक, सीट शेयरिंग को लेकर होगी चर्चा

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव अभी चल ही रहे हैं, लेकिन भाजपा ने इस दौरान झारखंड को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी है. झारखंड चुनाव को लेकर रविवार देर रात में गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर अहम बैठक हो सकती है. इसमें बीजेपी और आजसू पार्टी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अहम बैठक होगी.
इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद रहेंगे. इस बैठक में एनडीए गठबंधन के लिए सीट शेयरिंग का खाका तैयार किए जाने की उम्मीद है यानी इस बैठक में आजसू के साथ सीट शेयरिंग का फार्मूला तय किया जाएगा.
दिल्ली पहुंचे आजसू प्रमुख महतो
आजसू प्रमुख सुदेश महतो दिल्ली में होने वाली इस बैठक के लिए पहुंच चुके हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा,राज्य के प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा समेत कई और बड़े नेता भी बैठक का हिस्सा रहेंगे. सूत्रों की माने तो झारखंड विधानसभा चुनाव में आजसू 15 सीटों की मांग कर रहा है.
वहीं बीजेपी आजसू को 9 सीटें देने का मन बना सकती है. माना जा रहा है इस बैठक में सभी समीकरण और पार्टी के आंतरिक सर्वे रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. कैडर वोट और सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखते हुए सीटों का बंटवारा पर कोई फैसला किया जा सकता है.
इन सीटों पर पार्टी कर रही दावा
आजसू पार्टी ने 15 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर सकता है. इनमें सिल्ली, रामगढ़, गोमिया, जुगसलाई, ईचागढ़, डुमरी, बड़कागांव, मांडू, लोहरदगा, हुसैनाबाद, चंदनकियारी और सिमरिया समेत कई और सीटें भी शामिल हैं. माना जा रहा है कि हर सीट के लिए पार्टी ने अपने संभावित उम्मीदवार भी तय किए हैं.
कौन हैं अजसू प्रमुख सुदेश महतो
सुदेश महतो ने अपनी राजनीति पृथक झारखंड आंदोलन से करी थी. महतो ने अपनी राजनीति के शुरुआती चरण में ही झारखंड की ऐतिहासिक पहचान कायम रखने के लिए पहल की थी. महतो ने अपनी पैठ को और मजबूत करने के लिए बिरसा मुंडा और झारखंड आंदोलन के नेता स्वर्गीय बिपिन बिहारी महतो की प्रतिमाएं स्थापित करने की शुरुआत की थी.
आजसू मुखिया सुदेश महतो झारखंड के उप मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. इन्होंने झारखंड के गठन के साल 2000 में 25 साल की उम्र में अपना पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. इन्होंने 2009 को झारखंड के उपमुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी.
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