सीताराम येचुरी के निधन पर RSS ने जताया शोक, सुनील आंबेकर ने कहा- प्रतिबद्ध राजनेता थे

भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दुख जताया है. संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा है कि येचुरी प्रतिबद्ध होने के साथ-साथ काफी संवेदनशील राजनेता थे. उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ.
सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट में आंबेकर ने लिखा है- हम सीताराम येचुरी की पार्टी, समर्थक और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. साथ ही भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.
72 साल की आयु में एम्स में हुआ निधन
1952 में जन्मे सीताराम येचुरी ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली. वे फेफड़े के संक्रमण से जूझ रहे थे. उन्हें पिछले महीने अगस्त में भर्ती कराया गया था. हाल ही में एम्स के डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
सीपीएम के वरिष्ठ नेता हन्नान मोल्लाह के मुताबिक एम्स की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके दिल्ली स्थित आवास पर लाया जाएगा. शनिवार को 11 बजे से 3 बजे तक शरीर को सीपीएम मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा.
पहले महासचिव, जिनका पद पर रहते निधन हुआ
सीताराम येचुरी सीपीएम के पहले महासचिव थे, जिनका निधन पद पर रहते हुए हुआ. येचुरी सीपीएम के 3 बार महासचिव रहे. उन्हें 2015 में पहली बार संगठन की कमान मिली थी. येचुरी 2005 में पहली बार बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे. वे दो बार संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के भी सदस्य रहे.
तेलंगाना आंदोलन से करियर की शुरुआत करने वाले येचुरी इमरजेंसी के वक्त सुर्खियों में आए थे. वे 1981 के छात्र और युवा आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी. इसके बाद उन्हें सीपीएम ने सेंट्रल कमेटी का हिस्सा बनाया था. येचुरी सीपीएम की सर्वोच्च इकाई पोलित ब्यूरो के करीब 30 साल सदस्य रहे.
सीताराम येचुरी सीपीएम के भीतर सुरजीत सिंह धारा के सदस्य माने जाते थे. येचुरी ने 2004 में यूपीए गठबंधन और 2024 में इंडिया गठबंधन बनाने में बड़ी भूमिका निभाई.

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