हरियाणा चुनाव: मंच पर साथ आकर भी हुड्डा के लिए नहीं बदले सैलजा के तेवर
कांग्रेस आलाकमान के मान मनौव्वल के बाद कुमारी सैलजा की नाराजगी भले ही दूर हो गई हो लेकिन भूपिंदर सिंह हुड्डा के लिए उनके तेवर जस के तस हैं. मंच पर साथ आकर भी उनका रुख वैसा ही रहा. इसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि हरियाणा में सत्ता हासिल के होने के बाद सीएम पद का फैसला आलाकमान ही करेगा और यह फैसला सबको मानना पड़ेगा.
सैलजा ने कहा कि वह न तो कभी कांग्रेस से दूर थीं और न ही कभी हो सकती हैं. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चुनाव की एक व्यवस्था है और इसका पालन हरियाणा में भी होगा. वहीं, उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. उसे अपने 10 साल के कुशासन का जवाब देना होगा.
उन्होंने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है, मैं न तो कांग्रेस से दूर थी और न ही भविष्य में कभी हो सकती. कुमारी सैलजा करीब 13 दिन बाद गुरुवार को हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार में उतरी थीं. उन्होंने करनाल के असंध में राहुल गांधी के साथ मंच साझा किया. इस दौरान उस मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान भी थे.
BJP का नकाब उतर गया है
कांग्रेस को दलित विरोधी कहने वाले अमित शाह के बयान पर सैलजा ने कहा कि बीजेपी का नकाब उतर गया है चाहे वह हरियाणा में हो या अन्य राज्यों में. दलितों, महिलाओं के प्रति उनका जो रवैया है. उनके अपने लोग ही दलितों और महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े हुए थे. बीजेपी ने अब तक इसका जवाब नहीं दिया है. शाह ने एक चुनावी कार्यक्रम में कांग्रेस को दलित विरोधी बताया था.
सैलजा कांग्रेस की हैं और रहेंगी
बीजेपी में शामिल होने और उनके नेताओं के ऑफर पर सैलजा ने कहा कि यह हास्यास्पद है क्योंकि लोग जानते हैं कि सैलजा कांग्रेस की हैं और हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगी. उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी यह कहती रही हूं. सैलजा ने हरियाणा में सत्तारूढ़ दल बीजेपी पर अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया. सैलजा ने कांग्रेस के भीतर कलह की बातों को भी खारिज कर दिया था और कहा हम मिलकर सरकार बनाएंगे. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया था.
ऐसे दूर हुई सैलजा की नाराजगी
सैलजा टिकट बंटवारे में अनदेखी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से की गई अभद्र टिप्णणी को लेकर नाराज हो गई थीं. सैलजा की नाराजगी के बाद हरियाणा में कांग्रेस की टेंशन काफी बढ़ गई थी. मगर पिछले दिनों सैलजा की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मुलाकात के बाद चीजें बदल गईं. खरगे ने सैलजा को मामले को सुलझाने का भरोसा दिया था. 24 सितंबर को सैलजा का बर्थडे था. इस मौके पर खरगे ने सैलजा को केक खिलाकर जन्मदिन की बधाई दी थी. इसके बाद 26 सितंबर को सैलजा ने हरियाणा में चार रैलियों को संबोधित किया.