खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह लांडा के 12 गुर्गे गिरफ्तार, दहशत फैलाने के मिलते थे 70 हजार रुपये
अमेरिका से भारत में अपना गैंग चलाने वाले गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा के 12 गुर्गों को कपूरथला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने लंडा और उसके यूके रहते साथी हरजीत सिंह भंडाल के कहने पर सुल्तानपुर लोधी के एक कारोबारी के घर के बाहर फायरिंग कर दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी।
पुलिस ने इनसे 7.65 बोर की एक पिस्टल, एक देसी रिवाल्वर 32 बोर, एक देशी पिस्तौल 7.62 बोर, 26 रौंद और 2 लग्जरी बाइक बरामद की है। इन सभी पर पहले भी लूटपाट व आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया जहां से इन्हें चार दिन के रिमांड पर भेज दिया गय।
कपूरथला के कारोबारी के घर के बाहर फायरिंग कर मांगे थे दो करोड़
प्रेस कांफ्रेंस में एससपी वत्सला गुप्ता ने बताया कि 10 मार्च को कपूरथला के एक कारोबारी के घर के बाहर फायरिंग कर दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी। सीआईए स्टाफ कपूरथला, डीएसपी-डी और काउंटर इंटेलीजेंस जालंधर की टीम के साथ संयुक्त आपरेशन चलाया गया। पहले मुख्य आरोपी जसवीर सिंह उर्फ जस्सा निवासी गांव गिल नकोदर, यूके रहते हरजीत सिंह का भाई मनिंदर सिंह निवासी गांव चिट्टी जालंधर, गुरजीत सिंह उर्फ ज्ञानी निवासी नकोदर को पहले गिरफ्तार किया गया।
जिनसे पूछताछ के बाद युवराज कुमार उर्फ कालू निवासी नकोदर, अंग्रेज सिंह निवासी संगरूर, मनप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी निवासी संगरूर, परविंदर सिंह उर्फ अमली निवासी नकोदर, जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सा निवासी संगरूर, बलविंदर सिंह उर्फ बिल्ला निवासी सुल्तानपुर लोधी, सुखप्रीत सिंह निवासी शाहकोट, हरजीत सिंह निवासी शाहकोट ओर विशाल निवासी शाहकोट को काबू किया गया। कारोबारी से विदेशी कॉल के जरिये रंगदारी मांगने के मामले में लंडा व हरजीत को भी नामजद किया गया है।
पंजाब और हरियाणा में करते थे वारदात
आरोपी पंजाब में ही नहीं, बल्कि हरियाणा में भी वारदात करते थे। फिर विदेश बैठे आका से मिले टारगेट से रंगदारी वसूलने के लिए फायरिंग करके उसे जान से मारने की धमकियां देते थे। एसएसपी वत्सला गुप्ता ने गैंग के मैंबर टारगेट के घर के बाहर एक व्यक्ति फायरिंग कर मोबाइल से वीडियो बनाते थे। वे इस वीडियो के लांडा को विदेश में सबूत के तौर पर भेजते थे। इन लोगों को फायरिंग करके दहशत फैलाने और फिर रंगदारी वसूलने के बदले में 70 हजार रुपए दिए जाते थे।