क्या आप भी मई की गर्मी से ज्यादा परेशान है? जानिए क्या कहते हैं मौसम को लेकर एक्सपर्ट

मई के पहले हफ्ते में दिल्ली वालों को तो गर्मी से राहत मिल गई थी। लेकिन एक-दो दिन के बाद में फिर से वही गर्मी शुरू हो गई है। पिछले कुछ समय से दिल्ली का टेंपरेचर 33 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर तक पहुंचने की संभावना बताई जा रही थी। अचानक आई गर्मी के प्रकोप से दिल्ली वालों के लिए बड़ी मुसीबत की आ गई है। यहां पर पड़ने वाली तेज धूप और उमस पूरी दिनचर्या के लिए बड़ा चुनौती का विषय रहा है। 

ऐसे में एक्सपर्ट और डॉक्टर बहुत सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी में सबसे ज्यादा सर्दी होती है। ऐसे में लोगों को लिक्विड और पानी ज्यादा पीना चाहिए। ताकि आपके शरीर में गर्मी की वजह से पानी की कमी ना हो।

गर्मी में पिए ज्यादा पानी

डॉक्टर का मानना है कि लोग सर्दी के दिनों में पानी बहुत कम पीते हैं। इसका कारण है कि सर्दी में बॉडी से पसीना बहुत कम निकलता है। तुम्हारी बॉडी को पाने की जरूरत भी कम होती है तो सर्दियों में पानी कम किया जाता है‌। लेकिन जब गर्मी आ जाती है तो पानी पीने की आदत बिल्कुल बदल जाती है।  बहुत से लोगों की आदत वैसी की वैसी ही रहती है। ऐसे में गर्मियों में पानी पीने की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो कई तरह की बीमारियां हो सकती है। जितना ज्यादा पानी पीते रहेंगे उतना ही आपका शरीर डिहाइड्रेशन होने से बचता रहेगा।

एक्सपर्ट क्या कहते हैं

एक्सपर्ट डॉक्टर अनिल ने बताया कि शरीर की बनावट खुद के तापमान को संतुलन बनाए रखती है। बॉडी के अंदर का टेंपरेचर 98 डिग्री सेल्सियस होता है। इसको बनाए रखने के लिए भी हमें कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। शरीर के अंदर तापमान को संतुलित बनाए रखने में ब्रेन में हाइपोथैलेमस होता है। कई बार टेंपरेचर कम होता है शरीर की हीट जनरेट करने के लिए मेटाबॉलिक प्रोसेस से गर्मी भी बढ़ाने पढ़ती है। इसी तरह से तापमान ज्यादा हो जाता है। तब पसीना निकलता है। जब पसीना निकलता है तो आदमी हवा के संपर्क में आता है। जैसे ही हवा के पास आता है तो उसके शरीर को ठंडक मिलती है‌। 

ऐसे में उसकी गर्मी का बैलेंस बन जाता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि शरीर के अंदर गर्मी के बचाव के लिए म्यूकोसा क्लियर होती है। जो सभी अंगों को बचाकर रखती है। शरीर के तीन अंग आंखें, त्वचा तापमान के संपर्क में आने से प्रभावित होते रहते हैं। अचानक तापमान में बदलाव की वजह से शरीर का सबसे ज्यादा प्रभावित हो जाता है। आंखों में जलन होने लगती है। सांस लेने में दिक्कत होती है और भी कमजोर हो जाती है। बीमारियों का खतरा बना रहता है तो इन सब से बचाव भी बहुत जरूरी है।

डॉक्टर का मानना है कि गर्मी को लेकर बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। शरीर का बढ़ता हुआ तापमान गर्मी के हिसाब से डालने के लिए खूब पानी पीना होगा। हरी सब्जी लिक्विड का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहा होगा। बाहर निकलने पर गर्मी से बचाव की तैयारी करके ही आप घर से बाहर निकले। अगर फिर भी कोई तुम्हें परेशानी है तो इसके लिए आप डॉक्टर से तुरंत मिल ले। अपने मन से या कोई भी इस तरह की दवा ना लें। जिससे कि आपको नुकसान पहुंचे।

गर्मियों में खुद की करें हिफाजत

गर्मियों के दिनों में खुद की हिफाजत करने के लिए आप पानी की मात्रा को बढ़ाकर पी सकते हैं ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या ना हो।

गर्मी में हमेशा सूती और ढीले हल्के रंग के कपड़े ही पहने

धूप में जाने से आपको बचना होगा लंबे समय तक धूप में भी नहीं रहना होगा।

यदि आपके घर में ऐसा होता है, तो रूम का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस हो जाता है, और जबकि बाहर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस होता है, तो आपको अचानक से रूम से बाहर निकलना नहीं चाहिए।

आपको कमरे से बाहर निकलने के लिए आपको थोड़ा सा समय लेना चाहिए या रूम का तापमान बाहर के तापमान के समान रखना होगा, ताकि आपके शरीर पर गर्मी का प्रभाव न पड़े।

आंखों की सुरक्षा के लिए सिर पर कैप पहनें और काले चश्मे का उपयोग करें।

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