एयरपोर्ट के इंट्री गेट पर CISF नहीं करेगी चेकिंग, अब क्रू-स्टाफ अलग गेट से करेंगे इंट्री, बदली पूरी व्यवस्था
एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारी अब टर्मिनल गेट पर आपकी जांच नहीं करेंगे. साथ ही, एयरपोर्ट स्टाफ और एयरलाइन क्रू के लिए टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश के लिए अलग गेट होंगे और यह सभी गेट डिजी यात्रा तकनीक के साथ साथ बायोमैट्रिक तकनीक से भी लैस होंगे.
फिलहाल यह व्यवस्था उन्हीं एयरपोर्ट पर लागू होगी, जहां पर डिजी यात्रा पूरी तरह से लागू हो गया है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि पूरी तरह से डिजी यात्रा लागू होने के बाद सुरक्षा की द्रष्टि से टर्मिनल इंट्री गेट पर सीआईएसएफ की मौजूदगी रहेगी या नहीं । दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की बात करें तो एयरपोर्ट के टर्मिनल टी-2 और टी-3 पर डिजी यात्रा को लागू कर दिया गया है. टी-थ्री की बात करें तो टर्मिनल के सभी गेटों को दो हिस्सों में बांटा गया है. पहले हिस्से में सीआईएसएफ के जवान मौजूद हैं, जो पूर्व की तरह यात्री के पहचान पत्र और एयर टिकट की जांच कर रहे हैं.
वहीं, गेट के दूसरे हिस्से में डिजी यात्रा का पूरा सेटअप है. डिजी यात्रा एप के जरिए खुद को रजिस्टर्ड करा चुके यात्री जैसे ही कैमरे के सामने पहुंचते हैं, कैमरा उनके चेहरे की पहचान कर फ्लैप गेट खोल देता है. इस गेट पर सीआईएसएफ का कोई हस्तक्षेप नहीं है.
एयरपोर्ट स्टाफ और क्रू के लिए होंगे अलग गेटएयरपोर्ट पर अक्सर देखा गया है कि एयरलाइन क्रू या एयरपोर्ट स्टाफ को वरीयता देने के चलते अक्सर टर्मिनल इंट्री गेट पर यात्रियों की लंबी लाइने लग जाती हैं. इस समस्या को देखते हुए यह तय किया गया है कि कोई भी स्टाफ और क्रू पैसेंजर गेट से टर्मिनल में दाखिल नहीं होगा.
अब टर्मिनल टी-थ्री और टी-2 में क्रू और स्टाफ के लिए दो अलग गेट्स बनाए गए हैं. पहला गेट नंबर 1 और दूसरा गेट नंबर 8 के पास स्थित विजिटर इंट्री गेट की तरफ है. यहां पर बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया है, जहां पर क्रू अपना एयरपोर्ट इंट्री पास को स्कैन करते हैं और अपने अंगूठे से अपनी पहचान सुनिश्चित करा टर्मिनल के भीतर चले जाते हैं.
प्रोफाइलिंग के मकसद से गेट पर CISF की मौजूदगी जरूरीकालीकट सहित देश के कई एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रमुख रह चुके सीआईएसएफ के कमांडेंट (सेवानिवृत्त) हेमेंद्र सिंह के अनुसार, यात्रियों की सहूलियत के लिहाज से डिजी यात्रा बेहद अहम औश्र सकारात्मक कदम है, लेकिन सहूलियत के नाम पर सुरक्षा को दरकिनार नहीं किया जा सकता है.
चूंकि, भारतीय एयरपोर्ट करीब 200 दिनों का हाई अलर्ट रहता है और हमारी चुनौतियां दूसरे देशों से अलग हैं. लिहाजा, एयरपोर्ट टर्मिनल गेट पर डिजी यात्रा के साथ-साथ सीआईएसएफ के प्रशिक्षित प्रोफाइलर्स की तैनाती जरूरी है. जिससे एयरपोर्ट में दाखिल होने वाले हर मुसाफिर पर पैनी नजर रखी जा सके और समय रखते खतरे का को पहचाना जा सके.