17 साल के लड़के ने ट्रेन को ही बना लिया घर, उसी में खाना-पीना और सोना सब, हो रही मोटी कमाई
ट्रेन में सफर करना, इतना आसान नहीं होता. बदबूदार डिब्बे, साफ-सफाई की दिक्कत. हर कोई चाहता है कि जल्द घर आ जाए और वह उतर जाए. लेकिन 17 साल के एक लड़के ने ट्रेन को ही घर बना लिया है. ट्रेन में ही रहता है. खाना-पीना और सोना सबकुछ उसी में. ट्रेन को ही दफ्तर बना लिया है. वहीं से काम करता है और लाखों रुपये की कमाई भी. लेकिन इसके पीछे कोई मजबूरी नहीं, वह खुशी-खुशी ऐसा करता है. दूसरों को भी बता रहा कि फ्लैट का महंगा किराया छोड़कर आप भी ट्रेन में आ जाओ.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी का रहने वाला लेसे स्टॉली जब सिर्फ 16 साल का था, तब उसे यह आइडिया आया. उसे ट्रेन में चलने का शौक था. उसने मम्मी-पापा से कहा कि वह ट्रेन में ही रहना चाहता है. पहले तो मम्मी-पापा ने मना किया. लेकिन बाद में उसकी बातें सुनकर वे भी राजी हो गए. उसका सारा सामान बेच दिया. उसका फ्लैट छोड़ दिया, और ट्रेन में उसके रहने का इंतजाम किया. आप सोच रहे होंगे कि कैसे कोई ट्रेन में रह सकता है? लेकिन ये सच है.
फर्स्ट क्लास कोच में सफर
लेसे स्टॉली कानूनी रूप से ट्रेन में रहता है. वह फर्स्ट क्लास कोच में सफर करता है. रात को ट्रेनों में ही सोता है. डीबी लाउंज में नाश्ता करता है. वहीं के स्विमिंग पूल में स्नान करता है. हर दिन वह लगभग 1000 किलोमीटर की दूरी तय करता है. अच्छी-अच्छी जगहों पर जाता है. जहां मन करता है, वहां रुकता है. घूमने वाली जगहों को एक्सप्लोर करता है. आप सोच रहे होंगे कि इसके लिए तो काफी किराया चुकाना पड़ता होगा? जी हां, अगर आप रोजाना टिकट लेंगे तो किराया काफी महंगा पड़ेगा. लेकिन लेसे के पास जर्मन रेल का एनुअल रेलकार्ड है. सिर्फ 8,500 पाउंड यानी 8.5 लाख रुपये में यह मिलता है, जिससे आप सालभर कहीं भी फर्स्ट क्लास में सफर कर सकते हैं. किसी भी ट्रेन से जा सकते हैं.
इस तरह हो रही मोटी कमाई
लेसे रोजाना अपने ब्लॉग लाइफ ऑन द ट्रेन (Life On The train) के लिए वीडियोज बनाता है. उसे शेयर करता है. इके साथ ही, वह एक प्रोग्रामर के रूप में काम करता है. वह यूट्यूबर्स को शॉट्स बनाकर बेचता है. इससे उसे काफी मोटी कमाई होती है. लेसे ने हाल ही में बिजनेस इनसाइडर से कहा, मैं इंटरसिटी एक्सप्रेस में सोता हूं. दिन के दौरान मैं एक सीट पर, एक टेबल पर बैठता हूं और एक प्रोग्रामर के रूप में काम करता हूं. रोजाना नए यात्रियों से बातचीत करता हूं. उनके शॉट्स बनाता हूं. मैं देश के एक छोर से दूसरे छोर तक यात्रा करता हूं. मैं पूरे जर्मनी को एक्सप्लोर कर रहा हूं.
जिस ओर मन किया, उस ओर भागे
लेसे ने कहा, अगर मुझे समुद्र की यात्रा करने का मन होता है, तो मैं सुबह उत्तर की ओर ट्रेन पकड़ता हूं. अगर मुझे बड़े शहर की हलचल देखने का मन होता है, तो मैं बर्लिन या म्यूनिख जाने वाली ट्रेन लेता हूं. लंबा पैदल चलने का मन करे तो आल्प्स के लिए एक्सप्रेस ट्रेन लेना पसंद है. मैं अब तक लगभग 5 लाख किलोमीटर का सफर कर चुका हूं. वाकई यह काफी मजेदार है. कोई भी इसका आनंद उठा सकता है.