पासपोर्ट से नदारत थे 2 पन्‍ने, बिफरा बिलायती अफसर का मूड, पहले की तबियत से मलामत, फिर यूं ‘बर्बाद’ कर दी जिंदगी

बैंकॉक के सुवर्णभूमि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन जांच के लिए लाइन पर लगे अजय जुल्का की सांसे अब तेजी से ऊपर नीचे होने लगी थी. उसे एक ही बात का डर सता रहा था कि कहीं उसकी चोरी पकड़ी गई तो इस विदेशी सरजमीं पर उसका क्‍या होगा. इसी डर से उसने अपने पासपोर्ट के दो पेज फाडकर अपनी जेब में रख लिए. इस कांड के बाद अजय को लगा कि शायद अब वह बैंकॉक इमीग्रेशन को चकमा देकर चीन जाने में सफल हो जाएगा.

अजय जैसा सोंच रहा था, वैसा नहीं हुआ. पासपोर्ट के पन्‍ने पलटते ही इमीग्रेशन अधिकारी की निगाह पासपोर्ट से गायब पन्‍नों की जगह पर अटक गई. जिसके बाद, अजय को बैंकॉक इमीग्रेशन ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. पूछताछ के दौरान भारी मलामत के बाद बिलायती असफर ने अजय को आईजीआई एयरपोर्ट डिपोर्ट करने का फैसला सुना दिया. थाई इमीग्रेशन अफसर के इस फैसले के बाद अजय के लिए भविष्‍य में विदेश जाने के सभी रास्‍ते बंद हो गए.

आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, बैंकॉक एयरपोर्ट से डिपोर्ट किया गया अजय 6 मार्च को आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच गया. इमीग्रेशन ब्‍यूरो की जांच में पाया गया कि अजय के पासपोर्ट से पेज नंबर सात और आठ गायब थे. प्रारंभिक जांच के बाद अजय को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. वहीं आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने अजय के एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

लेटेस्‍ट स्किल सीखने के लिए जाना चाहता था चीनपूछताछ के दौरान, उसने खुलासा किया कि वह एक मोबाइल हार्डवेयर तकनीशियन के रूप में काम करता है और लेटेस्‍ट स्किल सीखने के लिए चीन जाना चाहता था. चीन जाने के लिए उसने मनीष तुली नामक के एक शख्‍स से संपर्क किया. मनीष तुली पहले भी उसे बैंकॉक की यात्रा करा चुका था. इसी यात्रा के दौरान, अजय के पासपोर्ट पर मनीष तुली ने बैंकॉक का फर्जी इमीग्रेशन स्‍टैंप लगा दिया था. इसी इमीग्रेशन स्‍टैंप की वजह से अजय को इस बार बैंकॉक से डिपोर्ट किया गया था.

दिल्ली में टिकटिंग एजेंट के रूप में कर रहा था कामडीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि आरोपी अजय के खुलासे के आधार पर मामले की जांच के लिए एसएचओ विजेंदर राणा के नेतृत्‍व में एक टीम गठित की गई, जिसमें एसआई अमित और हेडकॉस्‍टेबल जितेंद्र भी शामिल थे. पुलिस टीम ने इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर आरोपी मनीष तुली को करोल बाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने बताया कि पिछले कई वर्षों से दिल्ली में टिकटिंग एजेंट के रूप में काम कर रहा है.

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