सीएम हेमंत को गिरफ्तार करने आई थी CRPF! एयरपोर्ट पर खड़ा था विमान, सीआरपीएफ आईजी और 500 जवानों पर प्राथमिकी दर्ज

झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने आरोप लगाया है कि 20 जनवरी को सीएम हेमंत सोरेन को बयान दे रहे थे, इसी दौरान केंद्र सरकार सीआरपीएफ के माध्यम से सीएम आवास पर हमला कराने की तैयारी में थी। मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की साजिश रची गई थी। जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इतनी भारी संख्या में सीआरपीएफ जवानों को भेज कर केंद्र सरकार किसी भी हालत में सीएम को गिरफ्तार करना चाहती थी, ताकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि एक एयरक्राफ्ट भी रांची एयरपोर्ट में तैनात किया गया था, ताकि मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर उन्हें दिल्ली ले जाया जा सके।

जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान जेएमएम कार्यकर्ताओं को उकसा कर हिंसा भड़काना चाहते थे, लेकिन कार्यकर्ताओं ने धैर्य का परिचयन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन राजभवन में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा के लिए तैयार बैठे थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सीआरपीएफ की गलत कार्रवाई के सारे सबूत उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सीआरपीएफ के जवान और अधिकारी सीएम आवास के दूसरे गेट की तरफ से क्यों प्रवेश करना चाहते थे। सीएम आवास के पिछले गेट पर सीआरपीएफ की टीम क्यों गई?। एक-एक स्थल की वीडियोग्राफी उपलब्ध है। क्या वजह है कि बगैर डीसी के बुलाए सीआरपीएफ आ गई?

सीआरपीएफ आईजी, कमांडेंट और 500 अज्ञात जवानों के खिलाफ एफआईआर

सीआरपीएफ के आईजी, कमांडेंट और 500 अज्ञात जवानों के खिलाफ दंडाधिकारी सह रांची के सीओ मुंशी राम की शिकायत पर सोमवार को गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी की धारा 143, 188 और 353 के तहत दर्ज कराई गई है। सीओ की ओर से दर्ज एफआईआर में आरोप है कि 20 जनवरी 2024 को दोपहर ढाई बजे 10 बड़े वाहनों से सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान सीएज हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित सरकारी आवास की ओर जाने का प्रयास करने लगे। इस दौरान वहां उपस्थित पदाधिकारियों के साथ उन्होंने खुद बैरिकेडिंग के अंदर जाने से रोका। इस दौरान सीआरपीएफ के अधिकारियों को बताया गया कि जिला प्रशासन को बताया गया कि जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन ने सीआरपीएफ से सहयोग का अनुरोध नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में बिना जिला प्रशासन की अनुमति के आपके हथियारबंद जवानों के साथ पहुंचने की विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई। सीएम आवास और आसपास के क्षेत्र में सदर अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश से धारा 144 लागू होने के कारण 500 मीटर क्षेत्र में हथियार के साथ जाने पर पाबंदी है। अनुरोध किया गया कि वे अपने कैंप लौट जाएं, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। वे बलपूर्वक अधिकारियों और पुलिसबलों से उलझते रहे। सीआरपीएफ के लोग कह रहे थे कि सीआरपीएफ आईजी और कमांडेंट के आदेश के तहत उन लोगों को मुख्यमंत्री आवास जाना है। इसके बाद सीआरपीएफ जवानों ने अपने वाहन को एटीआई और सीएम आवास के पिछले गेट के समीप लगा दिया गया। जवानों की ओर से घेराबंदी की जाने लगी। काफी प्रयास के बाद स्थिति संभाली गई।

जेएमएम समर्थकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज

इधर, कांके के सीओ सह दंडाधिकारी जय कुमार राम ने जेएएम समर्थकों और आम लोगों के खिलाफ भी गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि 20 जनवरी की सुबह 11 बजे के करीब कांके रोड राम मंदिर तिराहा के नजदीक जेएमएम कार्यकर्ता और आम लोग ईडी की कार्रवाई के विरोध में नारेबाजी किया जाने लगा। इन लोगों को क्षेत्र में धारा 144 लागू होने की जानकारी दी, लेकिन वे हटने को तैयार नहीं थे और नाजायज मजमा लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं धारा 144 वाले क्षेत्र में भीम आर्मी के 200 सदस्यों की ओर से जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किए जाने के मामले में भी सीओ मुंशी राम की ओर से गोंदा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

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