पश्चिम एशिया संकट पर विमानन मंत्रालय सतर्क, एयरलाइनों से जोखिम का मूल्यांकन करने को कहा

श्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच नागर विमानन मंत्रालय ने विमानन कंपनियों से अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालनों पर अपने जोखिम का आकलन करने को कहा है। एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने के बाद पश्चिम के लिए वैकल्पिक उड़ान मार्गों का विकल्प चुना है और ईरानी हवाई क्षेत्र से परहेज कर रहे हैं।

नागर विमानन सचिव वुमलुनमांग वुआलनाम ने मंगलवार को पीटीआई से बातचीत में बताया कि विमानन कंपनियों से कहा गया है कि वे उड़ान परिचालन के संदर्भ में खुद से जोखिम का आकलन करें। उन्होंने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) विमानन कंपनियों के साथ संपर्क बनाए हुए है और विदेश मंत्रालय के संपर्क में भी है।

सचिव उस सवाल के जवाब में यह बात कही कि क्या मंत्रालय या डीजीसीए ने पश्चिम एशिया में जारी संकट के बीच एयरलाइंस को कोई परामर्श दिया है। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के बाद एयर इंडिया ने अपनी कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के आने-जाने के लिए वैकल्पिक उड़ान पथ का इस्तेमाल कर रहा है। विस्तारा ने भी पश्चिम एशिया के तनावपूर्ण माहौल के बादअपनी कुछ उड़ानों के लिए हवाई मार्ग में परिवर्तन किया है। इसके अलावा, एयर इंडिया ने तेल अवीव के लिए अपनी उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। वैकल्पिक हवाई मार्गों के इस्तमाल से कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अवधि लगभग आधे घंटे बढ़ गई है।

पश्चिम एशिया संकट पर इक्रा में कॉर्पोरेट रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और सेक्टर हेड सुप्रियो बनर्जी ने कहा कि वाणिज्यिक एयरलाइनों को नो-फ्लाई नियमों का पालन करने के लिए लंबा रास्ता अपनाना पड़ सकता है, जिससे ईंधन का खर्च बढ़ सकता है।

बनर्जी ने कहा, “अगर समस्या बनी रहती है तो यह आगामी गर्मियों की छुट्टियों के दौरान अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को प्रभावित करेगा।” ट्रैवल पोर्टल इक्सिगो के ग्रुप वीपी ग्रोथ मनन बाजोरिया ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव के कारण उड़ानों के री-रूटिंग के परिणामस्वरूप यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया से आने-जाने वाली एयरलाइंस को लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा जो कि अधिक खर्चीला साबित हो सकता है।

बजोरिया ने कहा, ‘लंबे समय तक मार्ग परिवर्तन से विमानन कंपनियों की ईंधन लागत बढ़ेगी और इन मार्गों पर हवाई किराए बढ़ सकते हैं। बनर्जी ने यह भी कहा कि पश्चिम एशिया में चल रहे भू-राजनीतिक घटनाक्रम कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव जारी रखेंगे इससे एटीएफ की कीमतों पर भी असर पड़ेगा, जो कोविड पूर्व की तुलना में पहले ही उच्च स्तर पर हैं। बीते वीकेंड पर, ईरान ने एक जवाबी हमला कहते हुए इस्राइल पर दर्जनों ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च की। इसके जवाब में सोमवार को इस्राइल ने कहा कि वह ईरान के हमले का जवाब देगा।

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