बिहार में बस बन ही गया देश का सबसे लंबा सड़क पुल, 171 में 166 पिलर तैयार, देखिये PHOTOS
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 984 करोड़ की लागत राशि अब लगभग 1200 करोड़ तक पहुंच गई है.10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु का निर्माण कार्य की गति तेजी कर दी गई है. इस पुल के निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी. फिलहाल लोगों को मधुबनी जाने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है,जो घटकर 70 किमी हो जाएगी.
कोसी नदी पर मधुबनी के भेजा और सुपौल के बकौर के बीच बन रहा यह पुल असम के भूपेन हजारिका पुल (तस्वीर- भूपेन हजारिका पुल) से भी करीब एक किलोमीटर अधिक लंबा है. इसका उद्घाटन वर्ष 2023 में होना था, लेकिन कोरोना के कारण विलंब हुआ और अब मार्च 2024 में संभावित है, लेकिन इसमें कुछ और विलंब हो सकता है.
बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी अपनी धारा हमेशा बदलते रहती. इसका पाट यानी दोनों धाराओं के बीच की दूरी बहुत अधिक रहती है. खास तौर पर बाढ़ के समय इसकी पाट और चौड़ी हो जाती है. बता दें कि इसमें 3.1 किलोमीटर एप्रोच रोड का भी निर्माण किया जाना है. जिनमें बकौर की ओर से 2.1 किमी और भेजा की तरफ से करीब एक किमी एप्रोच रोड बनाया जा रहा है.
कोसी पर सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे इस महासेतु के सिरे के दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है. इस कारण से यह महासेतु देश में सबसे लंबा हो जाएगा. बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट फेज 5 के तहत निर्माण किए जा रहे इस पुल का 54 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और इस वर्ष इसके पूर्ण होने की संभावना है.
इस पुल में कुल 171 पिलर बन रहे हैं. इनमें 166 पिलर का निर्माण पूरा हो चुका है. बकौर की ओर से 36 पिलर और भेजा की ओर से 87 पिलर होंगे. इसमें बकौर की ओर से 2.1 किलोमीटर और भेजा की तरफ से 1 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किया जाना है.
एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है. यह निर्माण कार्य दो एजेंसी मिलकर कर रही है.
इसमें गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इस पुल का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हो रहा. भारतमाला प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है. इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है. यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जोड़ेगा.
इसके निर्माण से बागडोगरा एयरपोर्ट पर भी आने-जाने में काफी आसानी होगी. कोविड-19 के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई थी. लेकिन दिसंबर 2023 तक पुल निर्माण कार्य पूरा कर लिए जाने की संभावना थी, पर अब यह विलंब होगा और इस साल बन जाने की संभावना है.
भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बिहार में चार एक्सप्रेस वे भी बन रहे हैं. इन एक्सप्रेस वे के बन जाने से बिहार के किसी भी हिस्से से कोलकाता और दिल्ली की दूरी काफी घट जाएगी. इसके साथ ही अंतर राज्य आवागमन बेहद आसान हो जाएगा.