Budget 2024 : घर खरीदारों की गुहार, होम लोन के ब्याज पर बढ़ाई जाए कटौती की सीमा

बीते कुछ वर्षों के दौरान प्रॉपर्टी के रेट काफी तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में खुद का घर लेना एक बड़ी चुनौती है. अगर किसी ने जोड़-तोड़ करके लोन के जरिए घर ले भी लिया तो होम लोन पर लगने वाले ब्याज की बढ़ती दरों ने उनकी मुसीबतें और बढ़ा दी है. कुछ ऐसी ही परेशानी का सामना ग्रेटर नोएडा निवासी पुष्पेंद्र अग्रवाल भी कर रहे हैं. वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. उन्होंने दो साल पहले ही अपना फ्लैट खरीदा है. पुष्पेंद्र का कहना है कि एक तो प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं, वहीं होम लोन इंट्रेस्ट लगातार बढ़ता जा रहा है. सरकार की ओर से होम लोन इंटरेस्ट पर मिलने वाली टैक्स छूट उनके लिए नाकाफी साबित हो रही है. वह चाहते हैं कि जुलाई में पेश होने वाले बजट में सरकार होम लोन के ब्याज पर कटौती की सीमा बढ़ाए. पुष्पेंद्र की तरह तमाम ऐसे होम बायर्स जो सरकार से कुछ ऐसी ही मांग कर रहे हैं.
होम लोन टैक्स छूट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाए
आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत वर्तमान में होम लोन ब्याज पर टैक्स छूट लिमिट 2 लाख रुपए तक है, लेकिन घर खरीदार चाहते हैं कि इसका दायरा बढ़ाया जाए और इसे 5 लाख रुपए तक किया जाए. टैक्स एवं इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि बड़े शहरों में खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमत काफी ज्यादा है. ऐसे में घर लेने के लिए ज्यादा लोन लेना पड़ता है. अगर घर की कीमत और लोन की रकम को देखें तो ब्याज पर सेक्शन 24 (बी) के तहत मिलने वाली 2 लाख रुपए की टैक्स छूट काफी नहीं है क्योंकि शुरुआती वर्षों में बैंक ब्याज ज्यादा वसूलते हैं, इसलिए इसकी लिमिट बढ़ाई जानी चाहिए.
मूलधन के रीपेमेंट के लिए बने अलग सेक्शन
अभी होम लोन के मूलधन के रीपेमेंट पर सेक्शन 80C के तहत कटौती का लाभ मिलता है. इसमें कोई भी व्यक्ति 1.5 लाख रुपए तक की राशि पर टैक्स कटौती का दावा कर सकता है. इसी धारा के तहत जीवन बीमा का प्रीमियम, पीपीएफ, बच्चों के पढ़ाई की फीस आदि भी आते हैं. घर खरीदारों और वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि होम लोन के मूलधन के रीपेमेंट के लिए एक अलग सेक्शन बनाया जाना चाहिए जिसमें कर कटौती की सीमा 3 लाख रुपए तक होनी चाहिए.
नई कर व्यवस्था में शामिल हो होम लोन इंटरेस्ट पर छूट
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में नई कर व्यवस्था पेश की थी. बाद में इस नई कर व्यवस्था के तहत ओवरऑल टैक्स छूट की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दी गई, लेकिन पुरानी टैक्स व्यवस्था पर मिलने वाले अतिरिक्त लाभ जैसे होम लोन पर टैक्स छूट जैसी सहूलियत नहीं दी गई. ऐसे में घर खरीदारों की मांग है कि सरकार साल 2024-25 के बजट में नई टैक्स रीजीम में होम लोन के मूलधन और ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट को लागू करे.
क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना को करें बहाल
घर खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार पहले क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) चलाती थी. जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न-आय वर्ग (LIG) और मध्यम-आय वर्ग (MIG) के लाभार्थी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से रियायती ब्याज दरों पर होम लोन ले सकते थे, लेकिन 31 मार्च, 2022 के बाद इसे खत्म कर दिया गया. इससे घर लेने की योजना बनाने वाले कई बायर्स की आशाओं पर पानी फिर गया. वे चाहते हैं कि सरकार इस बजट में CLSS को दोबारा बहाल करने का ऐलान करें. इससे किफायती आवास श्रेणी के तहत होम लोन लेने वालों को फायदा होगा.

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