कैमरी की नजर में गंगा सागर मेला, अमर उजाला के संग
देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन डूबकी लगाने के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के सागर द्वीप स्थित गंगा सागर पहुंचने लगे हैं। मेला 16 तक चलेगा। बंगाल सरकार ने इसके लिए सभी तरह की तैयारी की है।
विश्व प्रसिद्ध और पवित्र गांगा सागर मेला का आगाज 8 जनवरी,2024 से हो गया है और यह 16 जनवरी, 2024 तक चलेगा। इस बीच, देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन डूबकी लगाने के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के सागर द्वीप स्थित गंगा सागर पहुंचने लगे हैं। मेला 16 तक चलेगा। बंगाल सरकार ने इसके लिए सभी तरह की तैयारी की है। गंगा सागर पहुंचने से पहले कोलकाता में श्रद्धालु विश्राम करते हैं। आइए, देखते हैं अमर उजाला संवाददाता एन. अर्जुन के साथ कोलकाता और सागर द्वीप में गंगा सागर का मेला-2024 का नजारा
सागर द्विप में चल रहे गंगा सागर मेले के दौरान सजाया गया मंदिर। दुनिया भर से यहां पर पवित्र स्नान के लिए लगातार भक्त पहुंच रहे है। मकर संक्रांति पर गंगा सागर में स्नान को लेकर पौराणिक महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता गंगा भगवान शिव की जटा से निकलकर पृथ्वी पर पहुंची थीं तब वह भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम में जाकर सागर में मिल गई थीं। मां गंगा के पावन जल से राजा सागर के साठ हजार शापग्रस्त पुत्रों का उद्धार हुआ था। इस घटना की याद में तीर्थ गंगा सागर का नाम प्रसिद्ध हुआ।
सागर द्विप में चल रहे गंगा सागर मेले के दौरान सजाया गया कपिल मुनि आश्रम मंदिर। भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती ही जा रही है। लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है।
गंगा सागर मेले के दौरान सजाया कपिल मुनि आश्रम का क्षेत्र में शुक्रवार को निकाली गई शोभा यात्रा। इसमें भक्तों ने हिस्सा लिया और झूम कर नाचे भक्त।
गंगा सागर मेले के दौरान सजाया कपिल मुनि आश्रम का क्षेत्रलाइट की रोशनी में नहाया हुआ विहंगम दृश्य। यहां पर भक्तों के पहुंचने से माहौल भक्तिमय हो गया है।
गंगा सागर मेले के दौरान सुंदर बाजार भी सजा है। लोग अपनी-अपनी पसंद का सामान भी खरीद रहे हैं। बंगाल की बनीं आकर्षक वस्तुएं भक्तों को लुभा रहे हैं।
फेरी में गंगा नदीं पार करके गंगा सागर मेले में के लिए फेरी से उतरते भक्त। यहां पर भक्तों के लिए लगातार फेरी सेवा सरकार द्वारा चलाईं जा रही हैं।
गंगा नदी पार करके गंगा सागर मेले की ओर बढ़ते भक्त बीच नदी में। गंगा सागर मेले में पहुंचने के लिए भक्तों को इस तरह से नदी को पार करना पड़ता है।
कोलकाता के बाबूघाट के पास और गंगा सागर में भक्तों के लिए विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और अन्य संगठनों ने भक्तों के नि:शुल्क ठहरने और भोजन की व्यवस्था की है।
गंगा सागर मेले में हिस्सा लेने से पहले कोलकाता के बाबूघाट के पास धूनी रमाते साधु। हजारों की संख्या में मेले में पहुंच रहे हैं।
विश्व प्रसिद्ध गंगा सागर मेले में जाने के लिए गंगा नदी को पार करके जाना पड़ता है। नदी के पार तीर्थयात्रियों का कुछ इस तरह के तोरणों से स्वागत किया जा रहा है।