दूसरे जीवों को कच्चा चबा जाते हैं जानवर, अगर इंसान करे ऐसा तो क्या होगा?

आपने बहुत सारे जानवरों के बारे में सुना होगा जो दूसरे जानवरों की पूरा का पूरा खा जाता है. कई तो दूसरों को साबुत ही निगल जाते हैं. पर क्या इंसान ऐसा कर सकता है. या फिर वह ऐसा कर तो सकता है, पर ऐसा कर ना उसके लिए हानिकारक होगा. इस सवाल के जवाब रोचक है क्योंकि इसका संबंध ना केवल इंसान की आज की आदतों से है, बल्कि उसके विकासक्रम से भी है. और यह जानना भी दिलचस्प है कि जब जानवर दूसरे जीवों को कच्चा चबा सकते हैं तो इंसान ऐसा करेगा तो क्यो होगा.

इस सवाल का जवाब आसान है. जानवर दूसरे जानवरों को जिंदा ही चबा जाते हैं क्योंकि उनका उनका दिमाग इतना विकसित नहीं हो सका कि वे आग का उपयोग कर सकें और खाना पका कर खाएं. पर एक बात यह भी समझने की है कि जहां जानवर कई दूसरे जानवरों को पूरा ही खा जाते हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह उनके लिए सेहतमंद ही रहता होगा.

सच यही है कि जानवर कच्चा मांस बिना किसी समस्या के नहीं खा पाते हैं. वे दूसरे जानवरों का कच्चा मांस खाने से बीमार भी पड़ते हैं और उससे उनमें संक्रमण भी होता है. यही वजह है कि इंसान जब किसी जानवर का मांस खाता है तो वह किसी मांसभक्षी का मांस नहीं होता है. मांसाहारी जानवरों को पालना मुश्किल तो होता ही है, उनके भोजन को भी सेहतमंद रखना मुश्किल होता है.

मांसहारी जानवर भी संक्रमण से बीमार होते हैं और इनसे अच्छी खासी संख्या में मरता भी है. ऐसे में जानवर दूसरे जानवरों का कच्चा मांस क्यों खाते हैं. ऐसा इसलिए है कि इंसानों की तरह जानवर आग का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसलिए वे आज भी कच्चा मांस खाते हैं. लेकिन समय के साथ इंसानों ने खाने के तरीके में बदलाव किए जिससे उनका खाना संक्रमण रहित हो सके. आज इंसान का पेट ऐसा हो चुका है कि वह अगर जानवरों की तरह दूसरे जीवों को कच्चा खाए तो उसे कई तरह की समस्याएं हो जाएंगी वह उन्हें पचा नहीं सकेगा.

15 लाख साल पहले होमोसेपियन्स ने नहीं, बल्कि होमो इरेक्टस ने आग जलाना सीखा और उसका इस्तेमाल करना भी सीखा. वे गुफा से बाहर निकले और खुले इलाकों में रहने लगे उन्होंने पाया कि उन्हें भोजन को जमा कर रखने की जरूरत पड़ेगी. धीरे धीरे उन्हें मांस पका कर देखा कि पका मांस ज्यादा स्वादिष्ट होता है और पचाने में भी आसान होता है. धीरे धीरे अन्य भोजन भी पकाने के प्रयोग होने लगे और इंसान की पका खाना खाने की आदत ही हो गई. वहीं जानवर इसमें पीछे रह गए.

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