कच्चे तेल में नरमी, रिस्क प्रीमियम घटाए जाने से नीचे आई कीमत

ई दिल्लीः सोमवार को एशिया में तेल की कीमतें गिर गईं। शनिवार 13 अप्रैल को देर रात इजराइल पर ईरान के हमले के बाद मार्केट पार्टिसिपेंट्स के रिस्क प्रीमियम घटाने से ऐसा हुआ। जून डिलीवरी के लिए ब्रेंट वायदा 24 सेंट गिरकर 90.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

वहीं मई डिलीवरी के लिए वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) वायदा 38 सेंट गिरकर 85.28 डॉलर प्रति बैरल पर था। 300 से अधिक मिसाइलों और ड्रोनों से किया गया हमला, पिछले 30 वर्षों से अधिक समय में किसी अन्य देश की ओर से इजरायल पर किया गया पहला हमला था।

इसने मध्य पूर्व में क्षेत्रीय संघर्ष छिड़ने की आशंका पैदा कर दी है, जिससे तेल का ट्रांसपोर्ट प्रभावित हो सकता है। ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजरायली हवाई हमले के जवाब में शनिवार देर रात इजरायल पर सैंकड़ों ड्रोन और मिसाइल दागीं। इजरायली सेना ने कहा कि उसने और उसके सहयोगियों ने ईरान की ओर से दागे गए 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों में से 99 प्रतिशत को बीच में ही नष्ट कर दिया, जिससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।

हमास के साथ पहले से चल रहा इजरायल का संघर्ष

इजरायल, पहले से ही गाजा में हमास आतंकवादियों के साथ युद्ध कर रहा है। अब तक, इजरायल-हमास संघर्ष का तेल आपूर्ति पर बहुत कम प्रभाव पड़ा है। ईरान के जवाबी हमले की आशंका में शुक्रवार को तेल बेंचमार्क में तेजी आई थी और कीमत अक्टूबर के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। हमले में इजरायल को हुए सीमित नुकसान के बावजूद, विश्लेषकों को आज सुबह कीमतों में थोड़े ही सही लेकिन उछाल की उम्मीद थी।

अगर छिड़ी जंग तो महंगे क्रूड के लिए रहें तैयार

एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर ईरान और इजरायल में जंग छिड़ती है तो ब्रेंट क्रूड की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं। हालांकि कई देश, ईरान और इजरायल के बीच तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने, शांति बनाए रखने और कूटनीतिक रास्तों पर वापस लौटने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दोहराया है कि अगर ईरान और इजरायल के बीच क्षेत्रीय युद्ध छिड़ता है तो अमेरिका इजरायल को सपोर्ट करेगा और उसकी रक्षा करेगा।

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