डी गुकेश ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर रचा इतिहास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दी बधाई

टोरंटो. भारत के 17 वर्षीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश (D Gukesh) ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया है. वह वर्ल्ड चैम्पियनशिप खिताब जीतकर दुनिया के सबसे युवा चैलेंजर बन गए हैं.
उन्होंने 40 साल पुराना गैरी कास्पोरोव का रिकॉर्ड तोड़ा. गुकेश ने 14वें और आखिरी दौर में अमेरिका के हिकारू नकामूरा से ड्रॉ खेला. वर्ल्ड चैम्पियन के चैलेंजर का निर्धारण करने वाले इस टूर्नामेंट में उनके 14 में से 9 अंक रहे. इस खास उपलब्धि के बाद उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि वह देश में लाखों लोगों की प्रेरणा बनेंगे.गुकेश अब साल के आखिर में मौजूदा विश्व चैम्पियन चीन के डिंग लिरेन को चुनौती देंगे. चेन्नई के रहने वाले गुकेश ने कास्पोरोव का रिकॉर्ड तोड़ा, जो 1984 में 22 साल के थे, जब उन्होंने रूस के ही अनातोली कारपोव को वर्ल्ड चैम्पियनशिप खिताब के लिए चुनौती दी थी. 

 

 

पीएम मोदी ने डी गुकेश को बधाई देते हुए लिखा, ‘डीगुकेश के फीडे कैंडिडेट्स (शतरंज टूर्नामेंट) जीतने पर भारत को आसाधारण गर्व है. टोरंटो में गुकेश की कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में उल्लेखनीय उपलब्धि उनकी असाधारण प्रतिभा और समर्पण को दर्शाती है। उनका शानदार प्रदर्शन और टॉप तक का सफर लाखों लोगों को प्रेरित करता है.’

गुकेश ने जीत के बाद कहा, ‘बहुत राहत महसूस कर रहा हूं. मैं फेबियानो कारूआना और इयान नेपाम्नियाश्चि के बीच मैच देख रहा था. इसके बाद टहलने चला गया, जिससे मदद मिली.’

गुकेश को 88500 यूरो ( 78.5 लाख रुपये ) ईनाम के तौर पर भी मिले. इस टूर्नामेंट की कुल ईनामी राशि पांच लाख यूरो है. वह यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बन गए. पांच बार के विश्व चैम्पियन आनंद ने 2014 में खिताब जीता था.

 

 

 

आनंद ने एक्स पर लिखा, ‘डी गुकेश को सबसे युवा चैलेंजर बनने पर बधाई. आपकी उपलब्धि पर गर्व है. मुझे निजी तौर पर तुम पर बहुत गर्व है, जिस तरह से तुमने कठिन हालात में खेला. इस पल का मजा लो.’

गुकेश को जीत के लिए ड्रॉ की ही जरूरत थी और उन्होंने नकामूरा के खिलाफ कोई कोताही नहीं बरती. दोनों का मुकाबला 71 चालों के बाद ड्रॉ पर छूटा. दूसरी ओर कारूआना और नेपाम्नियाश्चि की बाजी भी ड्रॉ रही. अगर दोनों में से कोई जीतता तो टाइब्रेक होता.

गुकेश ने कहा, ‘वो 15 मिनट पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा तनावपूर्ण थे. मैं कॉमेंट्री सुन रहा था और फिर मैं अपने ट्रेनर के साथ टहलने निकल गया. उसके बाद मेरे पिता दौड़ते हुए आए.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे पास बेहतरीन सहयोगी हैं. मैं उनके नाम नहीं लूंगा लेकिन उन्हें पता है कि मैं उनका कितना शुक्रगुजार हूं.’ कारूआना, नेपाम्नियाश्चि और नकामूरा तीनों के 8.5 अंक रहे और वे संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे. भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा सात अंक लेकर पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने अजरबैजान के निजात अबासोव को हराया.

विदित गुजराती ने फ्रांस के फिरोजा अलीरजा से ड्रॉ खेला और वह छठे स्थान पर रहे. अलीरजा सातवें और अबासोव 8वें स्थान पर रहे. गुकेश ने 12 वर्ष की उम्र में ग्रैंडमास्टर खिताब जीता था और वह शतरंज के इतिहास में तीसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने. उन्होंने हांगझोउ एशियाई खेलों में रजत पदक भी जीता था.

विश्व चैम्पियनशिप की तारीखें और स्थान अभी तय नहीं हैं. गुकेश ने कहा, ‘मैंने इस बारे में सोचा नहीं है. नतीजा अभी आया है और रणनीति अच्छा खेलने की ही रहेगी. मैं तैयारियों पर फोकस करूंगा.’

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