हीरा कारोबारी ने बिजनेस छोड़ शुरू की खेती, 4 बीघे जमीन से मंथली कमाई 10 लाख, साल भर में इनकम डबल!
गुजरात देश के सबसे उन्नत राज्यों में से एक है. यहां के लोग कड़ी मेहनत के साथ जीवन में तरह-तरह के प्रयोग करने के लिए जाने जाते हैं. आज एक ऐसे ही हीरा कारोबारी की कहानी जिन्होंने हीरे का बिजनेस छोड़ खेती करने का फैसला. लेकिन, इस कारोबारी के खून में बिजनेस था और पैसा कमाने की भूख थी. फिर उन्होंने करीब चार बीघे जमीन में ऐसी खेती की कि आसपास के लोग हैरान हो गए. वह हर साल अपनी पूंजी डबल करने लगे. आज की तारीख में उनकी एक रोज की कमाई करीब 35 हजार रुपये यानी करीब 10 लाख रुपये मासिक है.
दरअसल, यह कहानी है गुजरात के बनासकांठा जिले के डिसा तालुका के मालगढ़ गांव के किसान किशनलाल टांक की. टांक सब्जियों की खेती करके अच्छी आय कमा रहे हैं. वर्तमान में उन्होंने तुरिया, मिर्च और गलगोटा की खेती की है. तुरिया की खेती से उन्हें करीब 6 से 7 लाख की कमाई होगी. बनासकांठा जिले के अधिकांश किसान आधुनिक खेती की ओर रुख कर चुके हैं. आधुनिक पद्धति से खेती कर किसान भी अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं. किसान टांक ने हीरे का कारोबार छोड़कर सब्जी की खेती की ओर रुख किया. वर्तमान में वह अपने खेत में सहफसली खेती कर अपने खर्च से दोगुनी आय अर्जित कर रहे हैं.
लहसुन-प्याज से 8 कमाई
टांक की उम्र करी 62 वर्ष है. जब हीरे के कारोबार में गिरावट आई तो वे अपनी जन्मभूमि में पारंपरिक खेती से जुड़ गए. लेकिन इसमें किसी तरह का मुनाफा नहीं मिलने पर उन्होंने दो साल पहले सब्जी की खेती शुरू की. पिछले साल उन्होंने अपनी 4 बीघे जमीन में 4 लाख रुपये की लागत से लहसुन और प्याज की खेती की, जिससे उन्हें 8 लाख रुपये की आमदनी हुई.मालगढ़ गांव के 62 वर्षीय किसान किशनलाल टांक ने इस वर्ष अपनी 4 बीघा जमीन में तुरिया, मिर्च और गलगोटा फूल की खेती की है. 2 लाख खर्च कर 1600 वासना लकड़ियां मल्चिंग एवं ड्रिप विधि से रोपित कर एक किलो वजन की बेलें लगाई गई हैं. रोपण के 50 दिनों के भीतर इसका उत्पादन शुरू हो जाता है. वर्तमान में प्रतिदिन 800 से 1 हजार किलोग्राम टुरिया का उत्पादन हो रहा है. बाजार में एक किलो तूरिया की कीमत 30 से 35 रुपये मिल रही है. अब तक उन्होंने करीब 2.5 लाख की कमाई कर ली है. अगर अगले महीने तक अच्छे दाम मिलते रहे तो 6 से 7 लाख की कमाई हो जाएगी.