महासागर गर्म होने से छोटा हो रहा है मछलियों का आकार, पर साइंटिस्ट हैरान
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से महासागर गर्म हो रहा है और ऐसा होने के साथ दुनिया भर में मछलियों का आकार भी कम हो रहा है. पर कैसे इस सवाल की गहराई में जाना साइंस्टिस को परेशान कर रहा है, उन्हें और ज्यादा उलझा रहा है.
इसके कुछ कारण भी बताए गए हैं पर एक प्रचलित और स्वीकार किए जा चुके एक कारण को नई स्टडी ने चुनौती दी है. इस अध्ययन में वैज्ञानिकों उस सिद्धांत के नतीजों को सीधे चुनौती दी है जिसमें मछलियों के आकार कम होने के पीछे उनके गिल्स यानी सांस लेने की ग्रंथि छोटी हो रही है और वे ज्यादा ऑक्सीजन नहीं ले पा रही हैं.
इस सिद्धांत को गिल ऑक्सीजन लिमिटेशन थ्योरी कहा जाता है. इसके अनुसार महासागरों का तापमान बढ़ने से मछलियों के गिल्स का सतह क्षेत्रफल कम होता जा रहा है. इसी थ्योरी को एमहर्स्ट के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय (यूएमए) के वैज्ञानिकों के अध्ययन के नतीजों ने सीधी चुनौती दी है.
ब्रूक ट्रआउट नाम की मछलियों पर रिसर्च करने वाले शोधकर्ताओं का साफ कहना है कि बेशक तापमान बढ़ने से मछलियों का आकार कम हो रहा है, पर इसका मछलियों के गिल के सहत के आकार के कम होने से कोई सीधा संबंध नहीं है. यूएमए में बायोलॉजी के लेक्चेरर जोशुआ लोनथेयर भी तापमान की वजह से होने वाली अनिश्चितता पर जोर देते हैं.
ब्रूकट्रॉउट मछलियों पर हुए अध्ययन में वैज्ञानिकों को आकार कम होने की वजह समझ में नहीं आई. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
लोनथेयर का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हमारे महासागर और नदियां गर्म हो रही हैं. इसका नतीजा हो रहाहै कि केवल मछलियां ही नहीं बल्कि कई जानवर वयस्क होने पर आकार में छोटे हो रहे हैं. इसे टेम्परेचर साइज रूल कह सकते हैं. लेकिन दशकों के शोध के बाद भी यह समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों या कैसे हो रहा है?
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शोधकर्ताओं ने मछलियों के सतह के क्षेत्रफल, ऊर्जा आवश्यकता और उनके बढ़ने की दर का अध्ययन करने के लिए ब्रूक ट्राउट प्रजाति मछली को चुना .उन्होंने इन मछलियों को एक समूह को 15 डिग्री सेल्सियल के पानी, तो दूसरे को 20 डिग्री सेल्सियस के पानी वाले टैंक में रखा. इसके बाद मछलियों का हर महीने वजन ,आकार, और ऑक्सीजन की खपत में बदलाव की जांच की गई. इसके साथ ही उनके उनके गिल के बदलाव को जांचा गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि मछलियों का आकार तो कम हो रहा है, लेकिन गिल की सतह का क्षेत्रफल कम नहीं हो रहा है. और ना ही उनमें ऑक्सीजन की खपत के मामले में मछलियां खुद को ढालती नजर आईं.साफ है कि वैज्ञानिकों को सटीक कारण को पता लगाने के लिए और अधिक रिसर्च करनी होगी.