भारतीय मूल के आठ वर्षीय अश्वथ ने बनाया रिकॉर्ड, सबसे कम उम्र में ग्रैंडमास्टर को हराने वाले खिलाड़ी बने

भारतीय मूल के अश्वथ कौशिक की उम्र सिर्फ आठ साल है, लेकिन इस उम्र में भी उन्होंने शतरंज का पाठ एक ग्रैंड मास्टर (जीएम) को पढ़ा डाला। सिंगापुर के इस बालक ने बर्गडोरफेर स्टेडथास ओपन चेस टूर्नामेंट में पोलैंड के ग्रैंड मास्टर जासेक स्टोपा को पराजित कर सारी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खीच लिया।

अश्वथ क्लासिकल चेस में सबसे कम उम्र में किसी जीएम को हराने वाले खिलाड़ी बन गए। स्टोपा 37 वर्ष के हैं और अश्वथ से उम्र में 29 साल बड़े हैं।

पिछला रिकॉर्ड कुछ सप्ताह पहले ही बना था, जब सर्बिया के लियोनिड इवानोविच ने 60 वर्षीय बुल्गारियाई जीएम मिल्को पॉपशेव को बेलग्रेड ओपन में हराया था। इवानोविच उम्र में अश्वथ से कई माह बड़े हैं। अश्वथ की वर्तमान फिडे रैंकिंग 37,338 है। वह भारतीय नागरिक हैं और 2017 में भारत से सिंगापुर आए थे।

अपने खेल पर गर्व है: अश्वथ

अश्वथ ने कहा कि वह जिस तरह से खेले, उन्हें अपने खेल पर गर्व है। खासतौर पर एक समय वह बेहद बुरी स्थिति में थे और वहां से उन्होंने वापसी की। सिंगापुर चेस महासंघ के सीईओ और ग्रैंडमास्टर केविन गोह अश्वथ की सफलता से उत्साहित हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पिता बहुत ज्यादा मदद करने वाले हैं, बेटा समर्पित है, स्कूल भी पूरी मदद करता है, निश्चित रूप से वह नैसर्गिक प्रतिभावान है।

अंडर-8 पूर्वी एशिया चैंपियन बन चुके हैं

गोह आशा करते हैं कि अश्वथ की सफलता कई और बच्चों को शतरंज अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। अश्वथ की सफलता यह बताती है कि अगर आपके अंदर प्रतिभा है और आपको मदद मिल रही है तो शतरंज में एक युवा के सफलता पाने के अवसर काफी अच्छे हो जाते हैं। अश्वथ पहली बार सुर्खियों में तब आए थे जब वह 2022 में अंडर-8 में क्लासिक, रैपिड और ब्लिट्ज तीनों वर्गों में पूर्वी एशिया यूथ चैंपियन बने थे। अश्वथ के पिता श्रीराम कौशिक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बेटे की स्टोपा पर उलटफेर भरी जीत उनके जीवन का गौरवशाली क्षण है। गोह के मुुताबिक अश्वथ का अगला लक्ष्य अपनी रेटिंग को सुधारते हुए कैंडिडेट मास्टर्स का खिताब जीतना है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *