राज्यसभा चुनाव में सब UP की तरफ देखते रहे, खेल ऐसा हुआ कि हिमाचल में सरकार गिरने की नौबत आ गई!

देश के तीन राज्यों में राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बनी हुई है. मीडिया से लेकर राजनीतिक पार्टियां यूपी की तरफ नजर गड़ाए बैठे थे, लेकिन ‘खेल’ हिमाचल प्रदेश में हो गया है.

यहां राज्यसभा (Himachal Pradesh Rajya Sabha election) की एक सीट के लिए वोटिंग होनी थी. लेकिन बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग की खबरें आ रही हैं. इतना ही नहीं, क्रॉस वोटिंग के बाद अब राज्य की कांग्रेस सरकार की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. बीजेपी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, उड़ती-उड़ती खबर आ रही है कि बीजेपी हिमाचल प्रदेश में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है.

इस बीच देर शाम राज्य के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है. सुक्खू ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है,

“जिस तरह से गिनती शुरू हो गई है और विपक्षी नेता बार-बार मतदान अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं, वो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. उन्होंने लंबे समय तक गिनती रोक दी थी. मैं हिमाचल बीजेपी यूनिट से आग्रह करता हूं कि उनके नेता धैर्य रखें, लोगों पर दबाव न डालें. सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस का काफिला 5-6 विधायकों को ले गया है. मैं कह सकता हूं कि जो लोग चले गए हैं, उनके परिवार वाले उनसे संपर्क कर रहे हैं. मैं उनसे संपर्क करने का आग्रह करता हूं कि वो अपने परिवारों के साथ संपर्क में रहें. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.”

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के कई विधायक पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पहुंचे हैं. सेक्टर 1 का पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस आम जनता के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. मीडिया को भी रेस्ट हाउस के अंदर आने से रोका जा रहा है. खबर है कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 विधायक और 3 निर्दलीय विधायक पंचकूला सेक्टर-1 पहुंचे हैं.

बीजेपी के हर्ष महाजन को वोट पड़ा

दरअसल, 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए वोटिंग हुई. बहुमत के हिसाब से यहां कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत पक्की नजर आ रही थी, लेकिन यहां कांग्रेस के लिए उनके ही 6 विधायक विलेन बन गए. उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट डाल दिया. इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया है. इस क्रॉस वोटिंग के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार मुसीबत में पड़ सकती है, क्योंकि अब बीजेपी बहुमत परीक्षण की राह देख रही है.

बता दें कि हिमाचल विधानसभा की कुल 68 सीटों में से फिलहाल कांग्रेस के पास 40 सीटें हैं. बीजेपी के पास 25 सीटें हैं और तीन निर्दलीय उम्मीदवार हैं. आंकड़ों के लिहाज से कांग्रेस के लिए अभी तक ये सही था. क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है. हालांकि बीजेपी के लिए भी बहुमत के आंकड़े को पार करना इतना आसान नजर नहीं आ रहा. अब इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है.

सीएम सुक्खू ने कहा कि उन्होंने व्हिप जारी कर रखा था, ना आने वाले विधायकों पर विचार करेंगे.

उधर कांग्रेस की स्टेट प्रेसिडेंट प्रतिभा सिंह ने बीजेपी पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. उन्होंने कहा,

“भाजपा खरीद-फरोख्त के लिए अपने पैसों की ताकत का इस्तेमाल कर रही है.”

वहीं बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा,

“यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की बयानबाजी सीधे तौर पर उनकी बौखलाहट को दिखाती है. हिमाचल प्रदेश में बिकने वाला कल्चर नहीं है. रही बात चुनाव में जीतने की, तो हमें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस के विधायकों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज को जरूर सुना है. कांग्रेस की आपसी कलह किसी से छिपी नहीं है और यही आपसी कलह हमें फायदा जरूर पहुंचाएगी.”

महाजन की बात में कांग्रेस विधायकों को लेकर एक इशारा छुपा नजर आ रहा है. इन सब से एक बात तो जाहिर हो जाती है कि हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

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