फर्जी मुकदमा: पुलिस ने ऐसे तबाह की बेगुनाह परिवार की जिंदगी, निरीक्षक से लेकर सिपाही तक रहे शामिल

करोड़ों की जमीन पर कब्जे के लिए बेगुनाह परिवार को फर्जी केस में फंसाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई। अवैध शराब के लिए परिवार पर फर्जी मुकदमा लिखावाने के खेल में निरीक्षक से लेकर सिपाही तक शामिल रहे।

आगरा में करोड़ों रुपये की जमीन पर कब्जा कराने की साजिश में खाकी, खादी और बिल्डर संग आबकारी निरीक्षक व सिपाहियों तक गठजोड़ था। फर्जी मुकदमे में जगदीशपुरा का तत्कालीन थानाध्यक्ष सलाखों के पीछे है। लेकिन, आबकारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह व छह सिपाहियों के विरुद्ध पुलिस व प्रशासन ने एफआईआर तक नहीं कराई।

पांच निर्दोषों को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवाने की पटकथा में पहले मुकदमे में पुलिस ने पुरुषों को जेल भेजा, तो दूसरे मुकदमे में आबकारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह ने महिलाओं को जेल भिजवाया। पुलिस आयुक्त की जांच में तत्कालीन थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार व बिल्डर कमल चौधरी सहित 18 लोगों पर डकैती की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। परंतु, आबकारी अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई भी फर्जी निकली। आबकारी आयुक्त ने निरीक्षक त्रिभुवन सिंह को निलंबित किया है।

आबकारी प्रधान आरक्षी अजीत सिंह, जितेंद्र कुमार और राहुल कुमार के अलावा महिला आरक्षी डॉली कुमारी, रचना पाठक निलंबित किया, लेकिन किसी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

आबकारी निरीक्षक की बरामद दिखाई 51 बोतल चंढीगढ़ मार्का की अंग्रेजी शराब और विभिन्न ब्रांड्स के ढक्कन कहां से आए इसकी जांच तक नहीं की गई। जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी की रिपोर्ट के बाद भी शराब के खेल में शामिल विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी का कहना है कि भविष्य में इस तरह का मामला सामने आया तो एफआईआर कराई जाएगी।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *