गजल गायक पंकज उधास का निधन, कैंसर से जंग हार गए सिंगर

स्टेटमेंट में लिखा है- ‘बहुत भारी मन से, हम आपको लंबी बीमारी के चलते 26 फरवरी 2024 को पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन की जानकारी देते हुए दुखी हैं. पंकज किस बीमारी से जूझ रहे थे इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.’

पंकज उधास की मौत आज सुबह 11 बजे मुंबई में हुई. पिछले कुछ समय से वे मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती थे. इसी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. जानकारी के मुताबिक पंकज उधास को कुछ महीने पहले कैंसर डिटेक्ट हुआ था और वो पिछले कुछ महीने से किसी से मिल नहीं रहे थे. उनका अंतिम संस्कार कल मुंबई में किया जाएगा.

रातोंरात मिली थी शोहरत

पंकज उधास गजल गायिकी की दुनिया में एक बड़ा नाम थे. उन्हें ‘चिट्ठी आई है’ गजल से शोहरत मिली. यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म ‘नाम’ में शामिल थी. पंकज ने कई गजलों को अपनी आवाज दी जिनमें ‘ये दिल्लगी’, ‘फिर तेरी कहानी याद आई’, ‘चले तो कट ही जाएगा’ और ‘तेरे बिन’ शामिल है

इन अवॉर्ड्स से नवाजे गए पंकज

पंकज उधास ने सिंगिंग में अपना लोहा मनवाया और अपनी बेहतरीन आवाज के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया. इनमें पद्मश्री (2006), महाराष्ट्र गौरव अवॉर्ड (2012), फिल्म ‘नाम’ के गीत ‘चिट्ठी आई है’ के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर कैटेगिरी में फिल्मफेयर अवॉर्ड (1988) से नवाजा गया. इसके अलावा उन्हें एल.एस. गाल अवॉर्ड (1985), संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड (2003) और इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन एकेडमी (IIFA) अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया.

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