सीआरपीएफ के खिलाफ एफआईआर, देश में अपने तरह की अनूठी घटना, मजिस्ट्रेट ड्यूटी में तैनात सीओ ने दर्ज कराई प्राथमिकी

झारखंड में सुरक्षा व्यवस्था के मसले पर नई तरह की परिपाटी देखने को मिल रही है. मामला 20 जनवरी से जुड़ी है. इस दिन ईडी की टीम सीएम हेमंत सोरेन ने लैंड स्कैम मामले में पूछताछ करने उनके आवास पर पहुंची थी. उसी दौरान सीएम आवास रोड के दोनों छोर पर झामुमो के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे. माहौल तनावपूर्ण था. इसी दौरान बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान सीएम आवास पर पास कई गाड़ियों से पहुंच गये थे. इसी मसले को लेकर रांची शहर के अंचल अधिकारी मुंशी राम ने गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

उन्होंने शिकायत की है कि 20 जनवरी को सीएम से ईडी की पूछताछ के मद्देनजर सीएम आवास के 500 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाई गयी थी. लेकिन दोपहर 2.30 बजे सीआरपीएफ के जवान करीब 10 बसों और ट्रकों के अलावा तीन छोटे वाहनों में सवार होकर सीएम आवास की ओर जाने की कोशिश करने लगे. उस वक्त हॉटलिप्स चौक और गोंदा थाना के पास बैरिकेडिंग था. जब सीआरपीएफ जवानों को हॉटलिप्स चौक स्थित बैरिकेडिंग से आगे बढ़ने लगे तो उन्हें रोका गया. इस वजह से चौक पर जाम की स्थिति बन गई.

सीआरपीएफ के जवानों को बताया गया कि विधि व्यवस्था को लेकर पुख्ता तैयारी पहले से ही की गई है. निषेधाज्ञा के मुताबिक सीएम आवास के 500 मीटर की परिधि में अस्त्र शस्त्र के साथ आने पर प्रतिबंध है. लेकिन सीआरपीएफ के जवान अनुरोध को अनसुना कर बैरिकेडिंग से आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे. सीआरपीएफ जवानों ने बताया कि आईजी और कमांडेंट के आदेश पर वह यहां पहुंचे हैं. साथ ही सभी वाहनों को एटीआई और सीएम के पीछे वाली गेट के पास लगा दिया गया है. इसकी सूचना मिलने पर सिटी एसपी और अपर जिला दंडाधिकारी, विधि व्यवस्था वहां पहुंचे और सभी को समझाने लगे. उन्हें कैंप वापस जाने को कहा गया. बार-बार समझाने पर सीआरपीएफ के जवान अपने वाहनों को रांची विश्वविद्यालय की तरफ लेकर चले गये. सीआरपीएफ के इस हरकत की वजह से विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई.

लिहाजा, सरकारी काम में बलपूर्वक दखल देने और धारा 144 का उल्लंघन कर सीएम आवास में प्रवेश करने की कोशिश के साथ-साथ शांति भंग करने की कोशिश हुई. इसको गंभीर मानते हुए सीआरपीएफ के अधिकारी और जवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए. सीओ की इस शिकायत पर 21 जनवरी को केस नंबर 18/24 दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में धारा 143, 188, 353, लगाया गया है. केस के अनुसंधानकर्ता सब इंसपेक्टर चंदन शुभम शर्मा बनाए गये हैं.

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