भारत में हुई विदेशी पैसों की बरसात, हैरत में पड़ गया चीन और रोने लगा पाक
भारत का शेयर बाजार अपने लाइफ टाइम हाई पर है. बाजार को हाई करने में विदेशी निवेशकों का काफी बड़ा हाथ है. बीते 15 दिनों की बात करें तो विदेशी निवेशक करीब 52 हजार रुपए से ज्यादा का निवेश कर चुके हैं. जबकि साल 2023 में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश विदेशों से आ चुका है. भारत पर अमेरिका और यूरोपीय देशों का प्यार देखकर चीन भी हैरत में पड़ गया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भी पूरी दुनिया का भारत के प्रति प्यार देखकर रोने लग गया हैत्र यहां तक कि मुस्लिम देशों जिसमें साऊदी अरब से लेकर यूएई और बाकी खाड़ी देश भी पाकिस्तान से मूंह मोड़कर भारत की ओर आ रहे हैं. आईपीएल और देश के दूसरे प्रोजेक्ट्स पैसा लगा रहे हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत में विदेशी निवेशक कितना पैसा लगा चुके हैं?
15 दिन में करीब 52 हजार करोड़ रुपए का निवेश
बीते 15 दिनों में विदेशी निवेशकों का भारत से प्यार देखते ही बन रहा है. दिसंबर के महीने में पहले 15 दिनों में भारत के बाजार में करीब 52 हजार करोड़ रुपए यानी 6.23 बिलियन डॉलर का निवेश कर चुका है. जिसमें 42,733 करोड़ रुपए डायरेक्ट इक्विटी में निवेश किया है. जबकि डेट मार्केट में 8,937 करोड़ रुपए का निवेश किया. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) दिसंबर के पहले 15 दिनों में जितना निवेश किया है वो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. आज तक किसी भी महीने के पहले 15 दिनों में विदेशी निवेशकों ने निवेश नहीं किया है. यह भी एक वजह है कि चीन और पाकिस्तान के सीने पर पांच लोट रहे हैं.
क्या टूटेगा जून का रिकॉर्ड?
अभी सिर्फ 15 दिन ही बीते हैं. बाकी 15 दिनों में विदेशी निवेशकों का निवेश बढ़ेगा ही. जिसके बाद सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या जून 2023 का रिकॉर्ड टूटेगा? जी हां, मौजूदा साल में जून 2023 में विदेशी निवेशकों ने भारत के बाजार में सबसे ज्यादा 56,258 इक्विटी और डेट दोनों शामिल निवेश किया था. इक्विटी में 47,148 करोड़ रुपए और डेट में और डेट में 9,178 करोड़ रुपए का निवेश था. दिसंबर के महीने में यह रिकॉर्ड टूट सकता है. खास बात तो ये है कि पूरे साल में सिर्फ 4 ही महीने ऐसे हैं, जिनमें विदेशी निवेशकों ने अपना पैसा निकाला था.
किस महीने कितना पैसा किसमें किया निवेश?
6 साल में पहली बार 2 लाख करोड़ का निवेश
खास बात तो ये है कि साल 2023 में देश के बाजार में विदेशी निवेशकों ने 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है. 6 साल के बाद भारत में विदेशी निवेशकों ने एक साल में 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है. बीते 10 साल में यह तीसरा मौका है जब विदेशी निवेशकों का निवेश 2 लाख करोड़ रुपए के पार गया है. साल 2014 में जब नरेद्र मोदी के देश के प्रधानमंत्री बने थे उस साल कुल 2.56 लाख करोड़ रुपए का निवेश विदेशी निवेशकों के भारत के बाजारों में किया था. उसी पहले टेन्योर में यानी 2017 में एक बार फिर विदेशी निवेशकों प्यार भारत पर बरसा और 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ. बीते 10 सालों में तीन ही साल ऐसे आए जब विदेशी निवेशकों ने अपना पैसा बाजार निकाला है. जिसमें साल 2022, उससे पहले साल 2018 और साल 2016 में विदेशी निवेशकों ने अपना पैसा निकाला है.
10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड
साल | विदेशी निवेशकों का निवेश (करोड़ रुपए में) |
2023 (15 दिसंबर तक) | 2,04,312 |
2022 | -1,32,815 |
2021 | 50,089 |
2020 | 1,03,156 |
2019 | 1,35,995 |
2018 | -80,919 |
2017 | 2,00,048 |
2016 | -23,081 |
2015 | 63,657 |
2014 | 2,56,214 |
नोट: यह डाटा एनएसडीएल से लिया गया है.
चीन और पाकिस्तान में विदेशी निवेश
पहले बात चीन की करें तो चीन के शेयर बाजारों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. शंघाई से लेकर हॉन्गकॉनग तक में विदेशी निवेशकों का निवेश लगातार गिर रहा है.मौजूदा साल में शंघाई इंडेक्स करीब 6 फीसदी तक गिर चुका है. वहीं दूसरी ओर हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग 17.45 फीसदी तक डूब चुका है. चीन के दोनों इंडेक्स में विदेशी निवेशकों का इंफ्लो लगातार कम ही हुआ है. यहां तक कि विदेशी निवेशक लगातार अपना पैसा निकाल रहे हैं, जिसकी वजह से चीनी बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है.
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान खुद कभी चीन तो कभी खाड़ी देश और हमेशा आईएमएफ एवं वर्ल्ड बैंक के सामने कटोरा लेकर खड़ा ही रहता है. अगर बात पाकिस्तान के बाजार की बात करें तो वह भारत, चीन, जापान, कोरिया और आदि देशों के मुकाबले काफी छोटा है. साथ ही डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान का रुपया काफी गिरा हुआ है. सितंबर तिमाही में पाकिस्तान में एफपीआई का निवेश सिर्फ 9 मिलियन डॉलर यानी 253 करोड़ पाकिस्तान रुपए है. जोकि भारत के मुकाबले काफी कम है.