कितना ठंडा था हिमयुग, कैसा रहा करता था तब तापमान, हैरान करता है रिसर्च का जवाब!

हिम युगों को हमारे वैज्ञानिक पृथ्वी की बहुत अहम घटना मानते हैं. वे यह भी मानते हैं अंतिम हिमयुग का पृथ्वी की जलवायु और अन्य चीजों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा था. यहां तक कि आज के जलवायु परिवर्तन और उसके असर के रहस्य भी हिम युग की घटनाओं से पता किए जा सकते हैं. पर हिम युग के दौरान पृथ्वी पर कितनी ठंडक थी यहां का तापमान कितना अधिक कम हो गया था. इसका भी पता लगाया गया है.

आखिरी बार हिमयुग करीब 20 हजार साल पहले आया था. उस समय के तापमान को वैज्ञानिक खास अहमियत देते हैं. उसे लास्ट ग्लेशियल मैक्सिमम कहते हैं. इसकी गणना करने के लिए ऐरिजोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने महासागरों के छोटे जीवों जीवाश्म और क्लाइमेट मॉडल का उपयोग किया.उस दौर में यूरोप, एशिया सहित दोनों अमेरिकी महाद्वीपों के इलाकों पर बर्फ छा गई थी. हालत यह हो गई ती कि गर्मियों में भी बर्फ पिघलती नहीं थी.हिमयुग में कुछ इलाके तो आज की तरह कुछ ज्यादा ठंडे हुआ करते थे. आर्कटिक में औसत तापमान से 14 डिग्री तक कम होता था.

शोधकर्ताओं ने पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवों के जीवाश्मों के उस फैट से उस युग के बारे में पता चला. इस तरह के जीव पानी के तापमान में बदालव के प्रति संवेदनशील होते हैं. जलवायु मॉडल सिम्यूलेशन में इसी जानकारी की मदद से ही हिम युग के तापमान का पता चल सका । इस दौर की लंबे समय से रिचर्स हो रही है और कई तरह की स्टडी की जा रही हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि हिमयुग के बारे में वैसे तो बहुत सारी जानकारी मिल चुकी है, लेकिन यह जानना आसान काम नहीं था कि वास्तव में हिमयुग कितना ठंडा था और तब किस तरह का तापमान हुआ करता था.

तब के औसत वैश्विक तापमान को अंतिम ग्लेशियल अधिकतम कहते हैं. इस तापमान की गणना कर ऐरिजोना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की है. 22 से 19 हजार साल पहले तापमान 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास हुआ करता था और यह आज के युग के औसत तापमान से करीब 8 डिग्री सेल्सिलस ही कम है.

पिछली बार जो हिमयुग या था वह करीब 11 हजार साल पहले तक चला था. इसमें बड़े स्तनपायी जीवों में बहुत सारे बदलाव देखे गए थे. उन्होंने अपने आप को बदलावों के अनुकूल ढाला था. यह वही समय था जब पुरातन मानव साइबेरिया से अलास्का के जरिये उत्तरी अमेरिका में दाखिल हुए थे.

नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में यह भी बतया गया है कि हिम युग की इस तरह की जानकारी और उस दौर के जलवायु परिवर्तन के असर और बदलावों के बारे में बता सकती है. इससे हमें आज के जलवायु परिवर्तन के बारे में पता चल सकता है.

हिम युग को पृथ्वी के बदलावों और उसका जीवन पर होने वाले असर के बारे में एक अहम दस्तावेज के तौर पर देखा जाता है. वर्तमान में हो रहे जलवायु परिवर्तन भी आने वाले समय में पृथ्वी के लिए एक और हिम युग का आधार बन सकते हैं. लेकिन ऐसा होने में हजारों सालों का भी सयम लग सकता है.

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