कितने तरह के होते हैं बैंक चार्जेज, हर साल ऐसे कटती है आपकी जेब

बैंकिंग सर्विसेज का इस्तेमाल आजकल हर कोई करता है. ये सर्विसेज ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मिलती हैं. चाहे ट्रांजेक्शन का SMS हो, फंड ट्रांसफर, चेक क्लीयरेंस हो या एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा, लेकिन कोई भी सुविधा पूरी तरह से फ्री नहीं होती. बैंक अपनी सर्विसेज के लिए ग्राहकों से अलग-अलग तरह के चार्ज लगाते हैं. लेकिन क्या आप जानते ये चार्जेज कितने तरह के होते हैं? बैंक आपकी जेब हर साल कैसे काटते हैं, तो आइए बताते हैं…

कैश ट्रांजेक्शन- हर बैंक कैश ट्रांजेक्शन एक निश्चित सीमा तक ही देते हैं. अगर आप उस लिमिट से ज्यादा बार कैश ट्रांजेक्शन करते हैं तो इस इसके लिए आपको चार्ज देना पड़ता है. आमतौर पर सरकारी बैंक में यह 20 से 100 रुपये तक होता है.

मिनिमम बैलेंस- बैंक अकाउंट में एक निश्चित सीमा तक बैलेंस को मेंटेन करना होता है. अगर आपके अकाउंट में उससे कम अमाउंट होता है, तो आपको न्यूनतम बैलेंस चार्ज देना पड़ता है.

IMPS चार्जेज- सभी बैंकों ने ग्राहकों के लिए NEFT और RTGS ट्रांजेक्शन मुफ्त कर दी हैं, लेकिन अभी भी ज्यादातर बैंकों में आईएमपीएस ट्रांजेक्शन के लिए चार्ज लिया जाता है. ये चार्ज 1 रुपए से लेकर 25 रुपए तक हो सकता है.

चेक फीस और चेक क्लीयरेंस- अगर आपका चेक 1 लाख रुपए तक का है, तो आपको बैंक को कोई चार्ज नहीं देना पड़ता, लेकिन इससे अधिक के चेक पर क्लीयरेंस चार्ज देना पड़ता है. ये चार्ज 150 रुपए होता है.

ATM ट्रांजेक्शन- एटीएम से कैश निकालने के लिए एक लिमिट तक ही फ्री फैसिलिटी होती है. ज्यादातर बैंक इसके लिए 20-50 रुपए तक वसूलते हैं.

SMS चार्जेज-आपके अकाउंट में पैसा क्रेडिट या डेबिट होने पर बैंक आपको अलर्ट मैसेज भेजता है. बैंक इसके लिए भी आपसे चार्ज वसूलते हैं.

कार्ड रिप्लेसमेंट- अगर आपका डेबिट कार्ड खो गया है तो दूसरा कार्ड लेने के लिए आपको चार्ज देना पड़ता है. ये चार्ज 50 रुपए से 500 रुपए तक हो सकता है. हर बैंक की तरफ से अलग-अलग चार्ज निर्धारित किया गया है.

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