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बच्चों में दिखे ये लक्षण तो मम्मी-पापा फौरन हो जाएं अलर्ट, करें बात और बढ़ाएं हिम्मत

परीक्षा का नाम सुनते हैं क्या बच्चे और क्या बड़े हर किसी को फिक्र तो हो ही जाती है। अगर बात बोर्ड एग्जाम्स की है तो यह कुछ और ज्यादा हो जाती है। इसकी वजह यह है कि ऐसा माना जाता है कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं छात्र-छात्राएं का आगे का भविष्य तय करते हैं।

इसके चलते से न केवल स्टूडेंट्स, बल्कि उनके पैरेंट्स भी इन परीक्षाओं को लेकर फ्रिकमंद रहते हैं।

लेकिन ऐसे में समय में अभिभावकों के लिए बेहद जरूरी है कि वे खुद भी शांत रहें। साथ ही बच्चे को भी तनाव से मुक्त रखें। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान बच्चे में आ रहे लक्षणों को थोड़ा ध्यान से देखें। समझें कि कहीं आपके बेटा या बेटी परीक्षा को लेकर ज्यादा स्ट्रैस में तो नहीं है। यह समझने के लिए हम कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में जानकरी देने जा रहे हैं, जो आपको ये समझने में मदद कर सकते हैं। आइए डालते हैं एक नजर।

नर्वसनेस का रखें ध्यान

बच्चे की डेली रूटीन के बारे में आपसे बेहतर कोई नहीं जानता है तो उसे ट्रैक करें कि किसी सब्जेक्ट एग्जाम देने के बाद वे थोड़ा ज्यादा नर्वस या परेशान तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उससे बातचीत करें। उसकी घबराहट को दूर करें। उसके साथ खड़े रहने का एहसास कराएं।

खान-पान रखें नजर

यह ठीक है कि परीक्षा के दौरान तय घंटे से ज्यादा वक्त निकालकर भी स्टूडेंट्स पढ़ते हैं लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि बच्चा खाना-पीना और सोना ही छोड़ दें। सिर्फ दिन-रात पढ़ता रहे। अगर ऐसे कोई लक्षण दिखें तो उसे कुछ समय अपने पास बिठाएं और बात करके उसे समझाने की कोशिश करें।

एक पेपर को लेकर है ज्यादा परेशान

पेपर अच्छा या कम अच्छा दोनों ही हो सकते हैं लेकिन अगर आपको लगता है कि आपका बेटा या बेटी केवल एक पेपर को लेकर जरूरत से ज्यादा स्ट्रैस में है तो भी उसे खुलकर बात करने की जरूरत है। उसे यह समझाने की जरूरत है कि ये अंक उसकी पूरी जिंदगी नहीं है।

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