भारत को मिलने वाला है चीन और पाकिस्तान का ‘काल’, जानिए कौन हैं इस डील को संभव बनाने वाले डॉ. विवेक लाल
भारत को अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिका के विदेश विभाग ने करीब चार अरब डॉलर की इस डील को मंजूरी दे दी है। इसके तहत भारत को 31 सशस्त्र ड्रोन, मिसाइल, लेजर बम और कम्युनिकेशन तथा सर्विसदूसरे उपकरण मिलेंगे। पिछले साल जून में प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी की अमेरिका दौरे में इस डील की घोषणा हुई थी। अमेरिकी संसद से मंजूरी मिलने के बाद इस डील पर बात आगे बढ़ेगी। इस ड्रोन का इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा में दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा सकता है। साथ ही इस पर मिसाइल और स्मार्ट बम भी लगे होते हैं जो दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है। इस डील को संभव बनाने में जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के डॉ. विवेक लाल ने अहम भूमिका निभाई है।
विवेक लाल का भारत के साथ गहरा जुड़ाव रहा है। वह भारतीय मूल के हैं और उनका जन्म इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में हुआ था। उनका यह स्ट्रॉन्ग कनेक्शन भारत के लिए बहुत मददगार साबित हुआ है। अमेरिका में कंसास प्रांत की Wichita State University से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के बाद लाल बोइंग, रेथिअन और लॉकहीड मार्टिन जैसी बड़ी रक्षा कंपनियों के साथ भी अहम पदों पर काम कर चुके हैं। वह बोइंग की इंडिया यूनिट के भी हेड रह चुके हैं। इतना ही नहीं वह देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भी काम कर चुके हैं। लेकिन जून 2020 में उनके जनरल एटॉमिक्स का सीईओ बनना भारत के लिए अहम टेक्नॉलजी हासिल करने के लिए लिहाज से बड़ा मौका था।
भारत के लिए वरदान
विवेक लाल ने भारत-अमेरिका के बीच हुए कई रक्षा सौदों में अहम भूमिका निभाई है। इन रक्षा सौदों में ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-17 ग्लोबमास्टर की डील, P-81 एंटी-मरीन वारफेयर एयरक्राफ्ट और हार्पून मिसाइल सौदे शामिल हैं। जनरल एटॉमिक्स पहले से ही दोनों सरकारों के साथ मिलकर भारत को डिफेंस सेक्टर में टेक्नॉलजी सपोर्ट मुहैया कराने की दिशा में काम कर रही है। साथ ही उसने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ देसी कंपनियों से भी पार्टनरशिप की है। मोदी की अमेरिका यात्रा में लाल ने उनसे वन-टू-वन मीटिंग की थी जिसमें भारत को प्रीडेटर ड्रोन का रास्ता साफ हुआ था।