यूक्रेन के खिलाफ जंग में भारतीय की मौत, एजेंट ने धोखे से रूसी सेना में कराया भर्ती

हैदराबाद के एक युवक नौकरी के नाम पर एजेंटों की धोखाधड़ी का शिकार हो गया. उसे पहले रूस ले जाया गया फिर सेना के लिए काम करने के लिए मजबूर किया गया. जिसके बाद यूक्रेन से जंग में भारतीय युवक की मौत हो गई. मास्को स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को मौत की पुष्टि की.

मृतक की पहचान मोहम्मद अफसान के रूप में हुई है. दूतावास ने कहा कि वे यहां परिवार के संपर्क में हैं.

मास्को में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हमें एक भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान की दुखद मौत के बारे में पता चला है. हम परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं. दूतावास उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने का प्रयास करेगा.

भारतीय दूतावास से संपर्क

संपर्क करने पर अफसान के भाई इमरान ने कहा कि मास्को में भारतीय दूतावास ने परिवार को 30 वर्षीय उसके भाई की मौत के बारे में सूचित किया. उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह उसके भाई के शव को वापस लाने में मदद करें. एआईएमआईएम सूत्रों ने बताया कि हाल ही में अफसान के परिवार द्वारा इस संबंध में संपर्क करने के बाद पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मास्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था.

एजेंट ने दिया धोखा

उन्होंने बताया कि दूतावास के एक अधिकारी ने औवेसी को अफसान की मौत की पुष्टि की. बताया जा रहा है कि यूक्रेनी युद्ध क्षेत्र में मारे गए तीन हैदराबादियों सहित लगभग 20 भारतीयों को फैसल खान नाम के एक व्यक्ति ने धोखा दिया और रूसी सेना के लिए ‘सेना सुरक्षा सहायक’ के रूप में युद्ध क्षेत्र में भेज दिया.

रूस-यूक्रेन सीमा पर डोनेट्स्क क्षेत्र में हवाई हमले में गुजरात के 23 वर्षीय हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया के मारे जाने के बाद 30 वर्षीय मोहम्मद अफसान मरने वाले दूसरे व्यक्ति हैं. मोहम्मद अफसान के भाई इमरान को कथित तौर पर भारतीय दूतावास से होने का दावा करने वाले अधिकारियों का फोन आया, जिसमें कहा गया कि अफसान को मार दिया गया है.

युद्ध में लड़ने का दबाव

लोगों को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध में लड़ने की आवश्यकता नहीं होगी और वे युद्ध के मैदान में नहीं होंगे. आश्वासनों के बावजूद, उन्होंने खुद को केवल बुनियादी हथियारों के प्रशिक्षण के साथ युद्ध के मैदान पर पाया.

भारत वापस लाने की कोशिश

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पुष्टि की कि अफसान के भाई इमरान को फोन आया था और अधिकारी शव को भारत वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर के दो, गुलबर्गा के तीन और पंजाब के अन्य लोग हैं, जो युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं.

26 फरवरी को, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत रूसी सेना में सभी भारतीयों को शीघ्र छुट्टी देने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है और परिणामस्वरूप कई भारतीयों को पहले ही छुट्टी दे दी गई है. इस बीच, समूह के सात और लोगों ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर कहा है कि रूसी सेना उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर कर रही है.

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