भारत का वो पड़ोसी देश, जिसमें नहीं है एक भी मस्जिद, रहते हैं हजारों मुस्लिम

थंडर ड्रैगन की भूमि’ के तौर पर पहचाना जाने वाले भूटान में विकास सकल राष्‍ट्रीय खुशी यानी जीएनएच से मापा जाता है. बौद्ध धर्म भूटान का आधिकारिक और प्रमुख धर्म है. ये धर्म भूटान को सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत में मिला है. यहां की एक-चौथाई आबादी हिंदू, ईसाई, इस्लाम और बॉन की है ।

भूटान की कुल आबादी 7.5 लाख है. यहां की सबसे बड़ी आबादी बौद्ध धर्म का पालन करती है. यहां की कुल आबादी में से 75 फीसदी लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं. वहीं, कुल आबादी में 22.6 फीसदी हिंदू हैं. बौद्ध और हिंदू आबादी सबसे ज्‍यादा होने के कारण भूटान में बौद्ध मंदिर व मठ के साथ ही हिंदू मंदिर भी हैं.

अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध भूटान में इस्‍लाम धर्म को मानने वालों की तादाद सात हजार के करीब है. भूटान दुनिया का ऐसा तीसरा देश और भारत का अकेला पड़ोसी है, जहां एक भी मस्जिद नहीं है. भूटान के अलावा मोनाको और स्लोवाकिया में भी कोई मस्जिद नहीं है. भूटान के मुस्लिम गैर-बौद्ध धर्मावलंबियों के साथ जकार में बने छोटे कक्ष में प्रार्थना करते हैं.

भूटान के मुस्लिम समुदाय ने 2008 में भूटान-भारत सीमा पर भारत के जयगांव में एक मस्जिद बनावाई थी. भूटान में एक फीसदी रोमन कैथोलिक हैं, जिनमें ज्‍यादा देश के दक्षिणी इलाके में रहते हैं. ईसाई धर्म भूटान में 1627 में तब पहुंचा, जब दो पुर्तगाली एस्टेवाओ कैसेला और जोआओ कैब्राल तिब्बत में जेसुइट मिशन जाने की कोशिश में यहां पहुंच गए थे.

भूटान के संविधान के मुताबिक, हर नागरिक को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन किसी भी प्रकार के धर्म परिवर्तन पर सख्‍त पाबंदी है. यह कैथोलिक्‍स को ओपन डोर्स मिशन के मुताबिक धर्मांतरण करने से रोकता है. सरकार ने भूटानियों के कोई भी गैर-बौद्ध धार्मिक भवन बनाने या गैर-बौद्ध त्योहार मनाने पर रोक लगाई हुई है.

बौद्ध धर्म के बाद हिंदू धर्म भूटान में दूसरा सबसे ज्‍यादा प्रचलित धर्म है. इसलिए दक्षिणी भूटान में कई हिंदू मंदिर हैं. हिंदू वैदिक विद्यालय देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में हिंदू संस्कृतियों और परंपराओं को पढ़ाते हैं. भूटानी हिंदू कई हिंदू त्योहार भी मनाते हैं, जिनमें दशहरा भी शामिल है. इस दिन भूटान में सार्वजनिक अवकाश रहता है.

भूटानी लोग वज्रयान या बौद्ध धर्म की महायान शाखा का पालन करते हैं. तिब्बती आप्रवासी और उनके वंशज नगालोप बौद्ध आबादी का बहुमत है. ये भूटान के मध्य-पश्चिम क्षेत्र में रहते हैं. देश के मूल निवासी शारचॉप्स पूर्वी भूटान में रहते हैं. बौद्ध धर्म पूरे देश में बने स्मारकों, वास्तुकला और प्रार्थना झंडों में भी दिखाई देता है.

बॉन एक स्वदेशी ग्रामीण तिब्बती धर्म प्रकृति की पूजा में विश्‍वास करता है. बौद्ध धर्म के आगमन से पहले भूटान में प्रमुख धर्म यही था. अभी भी भूटान में कई विद्वान और कुछ अभिजात वर्ग इसका पालन करते हैं. बॉनिज्म में पशु बलि और प्रकृति पूजा की जाती है. इसलिए कई जल निकायों और कुछ जानवरों खासकर ड्रैगन को पवित्र माना जाता है.

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