Iran Israel Conflict: ईरान-इजरायल के बीच अब कुछ नहीं होगा? तर्क के पीछे ये तीन कारण…

जरायल और ईरान के बीच युद्ध (Iran-Israel war) बढ़ने की आशंकाओं से दुनिया में हलचल है. ऐसा माना जा रहा है कि दुनिया में एक बार फिर से महंगाई की टेंशन बढ़ने वाली है. भारतीय शेयर बाजार में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन आई जोरदार गिरावट से निवेशक भी सकते में हैं और इसके पीछे युद्ध को वजह मान रहे हैं.

लेकिन सच बात तो ये है कि Iran-Israel जंग से कुछ नहीं होगा और ये हम नहीं कह रहे बल्कि तमाम ऐसे संकेत मिल रहे हैं, जो कि राहत की उम्मीद बंधाने वाले हैं.

स्टॉक मार्केट टूटा, डाउ जोंस चढ़ा

सबसे पहले बात करें सोमवार को Share Market में आए भूचाल के बारे में, तो बता दें मार्केट ओपन होने के साथ ही सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आ गई. Sensex 73,315.16 के स्तर पर खुला, बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन ये 74,244.90 के लेवल पर क्लोज हुआ था. इसके अलावा Nifty बीते शुक्रवार को 22,519.40 पर बंद हुआ था और सोमवार को सुबह 9.15 बजे पर गिरावट के साथ 22,339.05 के स्तर पर खुला. हालांकि, भले ही इस गिरावट के पीछे ईरान और इजरायल के युद्ध को वजह माना जा रहा हो, लेकिन अंदर की बात ये है कि इस गिरावट में सिर्फ युद्ध का असर नहीं है, भारी मुनाफावसूली का असर Stock Market पर दिखा है.

दूसरे संकेत बात करें, तो ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध के बावजूद अमेरिकी बाजार में डाउ जोंस फ्यूचर (Dow Jones Futures) ग्रीन जोन में कारोबार करता नजर रहा. ये 140 पॉइंट चढ़कर 38,124 के लेवल पर है.

क्रूड ऑयल की कीमतें युद्ध से बेअसर

तीसरा और सबसे बड़ा संकेत कच्चे तेल की कीमतों को देखकर मिल रहा है, जिनमें युद्ध के बावजूद जारी गिरावट से साफ है कि महंगाई की संभावना नहीं है. इजरायल पर ईरान के हमले के बाद से मिडिल ईस्ट में जो तनाव बढ़ा है, पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हैं. हमले की खबर से Crude Oil की कीमत में एकाएक उछाल तो आया, लेकिन अगले ही पल ये फिर से फिसल गया. खास बात ये है कि हमले के तुरंत बाद आया उछाल भी मामूली ही रहा.

दरअसल, बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड हमले के बाद महज 0.7 फीसदी चढ़कर 91.05 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचा था, लेकिन सोमवार को ब्रेंट का जून वायदा 24 सेंट गिरकर 90.21 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया, जबकि WTI Crude 38 सेंट गिरकर 85.28 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है.

युद्ध लंबा खिंचने की संभावना कम!

गौरतलब है कि शनिवार को Iran ने इजरायल पर 300 से ज्यादा ड्रोन्स और मिसाइलों से हमला किया. इस हमले में ड्रोन्स, सुपरसोनिक क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल थीं. इजरायल ने दावा किया है उसने 99 फीसदी हवाई हमले को बेकार कर दिया. इस बीच अमेरिका ने ईरान और इजरायल दोनों को हिदायत दी है. एक ओर ईरान से हमले रोकने के लिए कहा है, तो वहीं दूसरी ओर इजरायल से भी दो टूक कह दिया है कि US उसके किसी भी जवाबी हमले जैसे प्रयास का साझेदार नहीं बनेगा और तनाव बढ़ाने वाले किसी भी फैसले से पहले वह अच्छे से सोच विचार करे. ऐसे में युद्ध लंबा खिंचने की संभावना कम दिख रही है.

इन सब संकेतों को देखते हुए ऐसा कहना गलत ना होगा, कि अगर Iran-Israel War आगे नहीं बढ़ी, तो फिर वैश्विविक अर्थव्यवस्था के लिए घबराने वाली बात नहीं है.

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