Isreal-Iran War: ‘परमाणु संयंत्र’ था टॉरगेट? बगल में दागीं मिसाइलें, जानें इजरायल का चूका निशाना या कोई और था गेम प्लान
Israeli reprisal strike: इजरायल ने शुक्रवार को सुबह ईरान पर हमला बोलते हुए यह बता दिया कि इजरायल जो कहता है, वह करता है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था इजराइल तय करेगा कि इस सप्ताह की शुरुआत में ईरान के बड़े हवाई हमले का जवाब कैसे दिया जाए.
जितने देश इजरायल को शांत रहने को कह रहे थे, उन्हें भी संदेश दे दिया कि हम किसी और की नहीं सुनने वाले. हम अपने हिसाब से दुश्मन को जवाब देंगे.
ईरान पर हमला
एबीसी न्यूज ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि इजरायल ने ईरान हवाईअड्डे पर मिसाइल दागी है. दूसरी तरफ ईरान के स्थानीय मीडिया ने बताया कि इस्फहान में एक तेज़ धमाका सुना गया. न्यूयॉर्क टाइम्स ने तीन ईरानी अधिकारियों के हवाले से पुष्टि की है कि इस्फहान के पास एक सैन्य हवाई अड्डे पर हमला हुआ है. लेकिन इजरायल ने यह नहीं बताया कि हमला किस देश ने किया है. दो इजरायली सैन्य अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ है.
ईरान के सरकारी मीडिया का बयान
इज़रायली अधिकारियों की ओर से हमले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. ईरान में सरकारी मीडिया ने तेहरान से लगभग 315 किलोमीटर (196 मील) दक्षिण में शहर में एक सैन्य स्थल पर हमले के बारे में बताया तो है, लेकिन किसी घटना का जिक्र नहीं किया है.
एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव
इजराइल द्वारा मिसाइल और ड्रोन हमलों की खबरों के बीच ईरान ने आज सुबह एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव कर दिया है. इससे यह पता चलता है कि हमला तो हुआ है, ईरान इस बात की पुष्टि करे चाहे न करे.
इजरायल का इस्फहान शहर में हमला क्यों?
इजरायल ने जानबूझकर ईरान के दिल के करीब शहर इस्फहान पर ही हमला किया है. इसके पीछे कई सारी वजह हैं. जिसमें सबसे प्रमुख है इस शहर में ही ईरान अपना परमाणु संयंत्र सेंटर खोल रखा है. इसलिए इजरायल ने यह साफ तौर पर बता दिया है कि अगर हम इस्फहान पर हमला कर सकते हैं तो परमाणु संयंत्र पर भी हमला बोल सकते हैं. सीएनएन के एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से इजराइल ने अमेरिका को बताया कि हमला ईरानी परमाणु संयंत्र को निशाना बनाकर नहीं किया गया था.
क्या ईरान के पास है परमाणु बम?
जनवरी में संयुक्त राष्ट्र के हथियार पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी थी कि ईरान के पास 12 परमाणु बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में यूरेनियम मौजूद है. यूरेनियम वह पदार्थ है जिससे परमाणु बम में विस्फोट चेन रिएक्शन होता है. ब्रिटिश मीडिया पोर्टल मिरर की रिपोर्ट में अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और हथियार विशेषज्ञ डेविड अलब्राइट के हवाले से बताया है कि ईरान ने यूरेनियम का 90 प्रतिशत से अधिक संवर्धन कर लिया है. अलब्राइट ने कहा कि अब यह एक सच्चाई है कि ईरान के वैज्ञानिकों के पास पृथ्वी पर प्रलय लाने वाले हथियार बनाने की जानकारी है. जिसके बाद से ही पूरी दुनिया की नजर ईरान पर है, और इसकी निगरानी हो रही है. इजरायल को पता है कि इस्फहान शहर में ही ईरान ने अपने परमाणु बम बनाने की प्रयोगशाला खोली हुई है.
हमले का क्या था मकसद
सीएनएन और फॉक्स न्यूज दोनों ने अधिकारियों के हवाले से हमले को बहुत छोटा बताया गया है इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि इजरायल अभी कई सारे मोर्च पर जंग लड़ने के हालात में नहीं है. लेकिन इस्लामिक रिपब्लिक ईरान ने शनिवार रात इजरायल के पूरे क्षेत्र में जो 350 ड्रोन और मिसाइलें दागीं थीं उसके जवाब में बदला लेना जरूरी था.
इस्फहान शहर ईरान का ‘दिल’
इस्फहान शहर पर इजराइल का बड़ा रणनीतिक कदम है. ईरान के इस्फहान शहर कई चीजों के लिए खास है.
- इस्फहान तेहरान और मशहद के बाद देश का तीसरा जनसंख्या वाला शहर है.
- इजराइल का इस्फहान तक पहुंचना ईरान के लिए बड़ा खतरा है.
- इस्फहान शहर में ईरान का न्यूक्लियर प्लांट भी है.
- इस्फहान को ईरान की मिलिट्री कैपिटल कहा जाता है.
- इस्फान ईरान के केंद्र में बसा एक बड़ा शहर है. यह तेहरान से 406 किलोमीट दक्षिण में स्थित है और इस्फहान प्रांत की राजधानी भी है.
ईजरायल अपने आस-पास के देशों के करीब वाले ईरान शहर में हमला करके ईरान को यह बता पाएगा कि सभी देश उसके साथ हैं, तभी तो उसने इजराइल के वेस्टबैंक और जॉर्डन बॉर्डर के करीब शहर इस्फान पर हमला बोला.
ईरान और इजरायल पर जंग क्यों?
एक अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में दूतावास परिसर पर एक हवाई हमला हुआ. इस हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल और छह अन्य ईरानी सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी. जिसके बाद ईरान इस हमले का विरोध जताने लगा. बात यहां तक पहुंची कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कसम खा लिया कि इस हमले को इजरायल ने किया है. और हम इस हमले का जवाब देंगे.
खामेनेई का कहना था कि इजराइल को दंडित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह हमला सीरिया पर नहीं ईरानी धरती पर हमले के समान है. ईरान ने अपनी कसम पूरी करते हुए शानिवार को इजरायल पर अपने पहले सीधे हमले में विस्फोटक ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च की. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. इजरायल ने बदला लेने की कई थी बात. शुक्रवार को इजरायल ने ईरान से ले लिया बदला.