जयशंकर ने जो बाइडेन की टिप्पणी को किया खारिज, बोले- भारत जेनोफोबिक नहीं, बल्कि बहुत खुला और स्वागत करने वाला

इंटरनेशनल डेस्क. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की भारत को जेनोफोबिक की बताने वाली टिप्पणी को खारिज किया है और इस बात पर जोर दिया है कि देश विविध समाजों के लोगों के लिए खुला और स्वागत करने वाला रहा है।

 

  एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाया गया नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) भारत के स्वागत योग्य दृष्टिकोण को दर्शाता है। बाइडन द्वारा इस्तेमाल किए गए जेनोफोबिक शब्द का मतलब एक तरीके से डर को कहा जाता है, जो बाहरी लोगों को आने से रोकता है।

  बता दें 2 अप्रैल को बाइडेन ने कहा था कि भारत, चीन, जापान और रूस की जेनोफोबिक प्रकृति उनकी आर्थिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार है और तर्क दिया कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है क्योंकि वह अपनी धरती पर अप्रवासियों का स्वागत करता है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर देश आप्रवासन को अधिक अपनाते हैं तो रूस और चीन के साथ जापान आर्थिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करेगा। जापान, रूस और भारत को परेशानी क्यों हो रही है? क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं वे आप्रवासियों को नहीं चाहते।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *