बड़े-बुढ़ों द्वारा कभी कही गयी कहावतें कब हमारी असल जिंदगी में सच हो जाये, ये कोई नहीं कह सकता। इनमें ये दो कहावतें, तो कई बार आपने अपनी या दूसरों की जिंदगियों में सच होते देखी होंगी – जहां चाह, वहां राह और वक्त सभी का आता है। आज के इस लेख में हम आपको एक व्यक्ति की सफलता की कहानी के बारे में बतायेंगे, जिनकी जिंदगी में ये दोनों की कहावतें सच हुई हैं।
ये कहानी है गुजरात के आईएएस ऑफिसर कार्तिक जीवानी की, जिन्होंने आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान यूपीएससी की परीक्षा के लिये छुट्टी ली और बन गये आईएएस ऑफिसर, वो भी सर्वोच्च अंकों के साथ। हालांकि, उन्हें इसमें काफी समय लगा, लेकिन जैसा की हमने पहले बताया है जहां चाह वहां राह। अपनी चाह के साथ कार्तिक जीवानी अपनी राह पर बढ़ते गये।
ऐसे बनाया करियर
गुजरात के सूरत के रहने वाले कार्तिक जीवानी ने अपनी 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जेईई परीक्षा में भी सफलता हासिल की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई में भर्ती हुए। कटलेज का समय समाप्त होने के पश्चात कार्तिक जीवानी ने अपने भविष्य के बारे में सोचा और फैसला लिया कि वे एक सिविल सेवक के रूप में अपना करियर बनायेंगे।
साल 2016 वो समय था, जब कार्तिक जीवानी ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारियां शुरू की। इसके अगले ही साल वे परीक्षा में बैठे, लेकिन वे असफल रहे। हालांकि, कार्ति जीवानी ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत जारी रखी। साल 2017 में परीक्षा में असफल होने के बाद लगातार तीन साल कार्तिक ने कड़ी मेहनत की।
आईपीएस की ट्रेनिंग से ली छुट्टी
उनके पिता बताते हैं कि कार्तिक ने दिमाग से सोचा और कई जगहों पर जाकर तथा कई किताबें पढ़ कर खुद को तैयार किया। उन्होंने साल 2020 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा को पास कर लिया और उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 94 हासिल किया। इससे उनका सेलेक्शन आईपीएस अधिकारी के रूप में हुआ, लेकिन कार्तिक कुछ और चाहते थे।
जब उन्हें 5 दिनों की आईपीएस ट्रेनिंग के लिये हैदराबाद बुलाया गया, तो वे ट्रेनिंग पर नहीं गये और छुट्टी ले ली। वे दोबारा परीक्षा में बैठे और इस बार उनका रैंक 84 था। इसके बाद उन्हें आईएएस अधिकारी का पद मिला।
कार्तिक के पिता बताते हैं कि कार्तिक दिन में 10 घंटे पढ़ाई करते थे और ज्यादातर वे रात को पढ़ते थे।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी कार्तिक जीवानी का संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा को पास करने का ये एक शानदार रिकॉर्ड है। कार्तिक सीएसई 2020 में ऑल इंडिया रैंक 8 प्राप्त करने के बाद गुजरात राज्य से सर्वोच्च रैंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं।