नेपाल से फर्जी वीजा पर विदेश भी गया था विनोद, हाईकोर्ट में समर्पण की थी तैयारी

गोरखपुर जिले के टॉप टेन बदमाशों की सूची में शामिल माफिया विनोद उपाध्याय ने पहले तो तीन बार कोर्ट में हाजिर होने की कोशिश की। इसके लिए उसने गोरखपुर और बस्ती में प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। बताया जा रहा है कि नेपाल के एक कसीनो में भी उसका शेयर है। बाद में वह नेपाल से फर्जी वीजा पर बैंकाक भाग गया था। वहां से आने के बाद वह प्रयागराज हाईकोर्ट से समर्पण की तैयारी में था कि रास्ते में ही एसटीएफ से उसका आमना-सामना हो गया।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, माफिया विनोद की फरारी के शुरुआती समय में राजधानी सहित नोएडा, दिल्ली, प्रयागराज, झारखंड समेत कई जगहों पर रियल इस्टेट का काम चल रहा था। फरारी के दौरान वह इन शहरों में छिपकर रहता था और पुलिस के डर से रात में ही सफर करता था।

बृहस्पतिवार की देर रात भी वह प्रयागराज जा रहा था। इस बीच उसकी लोकेशन एसटीएफ को मिल गई। एसटीएफ ने उसे सुल्तानगंज के पास घेरा तो विनोद और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें विनोद मारा गया। सूत्रों का दावा है कि फरारी के दौरान गोरखपुर के गोरखनाथ थाने का एक हिस्ट्रीशीटर माफिया विनोद को पनाह दिए हुए था। क्योंकि, हिस्ट्रीशीटर और माफिया विनोद दोनों सूद का धंधा मिलकर करते थे।

 

विनोद अक्सर हिस्ट्रीशीटर के लखनऊ, दिल्ली और मुंबई सहित अन्य ठिकानों पर ही पनाह लेता था। दोनों अंदरखाने एक बार फिर किसी अन्य पार्टी के जरिए राजनीति में इंट्री लेने की तैयारी कर रहे थे।

 

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