मुस्लिम छात्राओं ने बनवाई श्रीराम की तस्‍वीर वाली मेहंदी तो मौलाना पहुंचे थाने, विवाद बढ़ा तो…

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित श्री राम कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के हाथों पर श्रीराम तस्वीर की मेहंदी वाले मामले में विवाद शुरू हो गया है. जिसके चलते गुरुवार को इसे धर्म विरोधी बताते हुए जमीयत ए उलेमा हिन्द ने इसकी शिकायत आलाधिकारियों से करते हुए कॉलेज के विरुद्ध इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद अब आलाधिकारियों का कहना है की इस मामले की जांच सीओ नई मंडी को सौंपी गई है और जाँच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.

आपको बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है जिसके चलते सरकार के आदेश पर सभी स्कूल कॉलेज में श्री राम से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित श्रीराम कॉलेज में भी मंगलवार को मेहंदी प्रतियोगिता का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें कुछ मुस्लिम छात्राओं के हाथों पर श्रीराम की तस्वीर बनाकर मेहंदी लगाई गई थी जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी.इसके बाद इस मामले में जमीयत उलेमा ए हिन्द ने इसका विरोध करते हुए पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी. जिसके चलते पुलिस ने अब इस मामले में अपनी जाँच शुरू कर दी है.

मेहंदी लगाने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराईइस मामले की अधिक जानकारी देते हुए एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि मुजफ्फरनगर के नई मंडी थाना क्षेत्र स्थित एक कॉलेज में कुछ छात्राओं को मेहंदी लगाने को लेकर एक विवाद संज्ञान में आया है. इसके संबंध में जमीयत उलेमा के अधिकारियों ने शिकायत दर्ज कराई है एवं स्पार्करण की जाँच क्षेत्राधिकार नई मंडी को दी गई है. इसमें जांच के अनुरूप जो भी तथ्य प्रकाश में आएंगे उनके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी ।

राज्‍य मंत्री बोले- कोई जांच नहीं होगी, छात्रों को पूरी स्‍वतंत्रता है, चाहे जैसे मेहंदी लगवाएंइधर, केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि इन मौलानाओं का तो काम ही सवाल करना खड़े करना है एवं उनकी बातों का जवाब देना उचित नहीं है. छात्रों को स्वतंत्रता है कि वह चाहें जैसे मेहंदी लगाएं क्योंकि इस देश में लोकतंत्र है. अगर किसी की इच्छा है तो उसमें किसी मौलाना को कोई अधिकार नहीं है कि वे इस तरह की बात करें. इसमें कोई जांच नहीं होगी; यह बच्चों की इच्छा है.

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