अब समुद्र के रास्‍ते जाएंगे श्रीलंका! राम सेतु के बाद पहली बार होगा ‘चमत्‍कार’, भारत ने भेजा अपना दूत

समुद्र के रास्‍ते भारत से श्रीलंका पहुंचने का जो चमत्‍कार भगवान राम ने करीब 13 लाख साल पहले त्रेतायुग में किया था, अब उसे भारत सरकार भी दोहराने की तैयारी में है. हालांकि, इस बार समुद्र पर पुल तो नहीं बनाया जाएगा, लेकिन आम लोगों को समंदर के रास्‍ते श्रीलंका ले जाने की सुविधा जरूरी दी जाएगी. इस पर बातचीत करने और संभावनाएं तलाशने के लिए मोदी सरकार ने 3 सदस्‍यीय दल श्रीलंका भेजा था, जिसने काफी पॉजिटिव रिपोर्ट सौंपी है.

सबकुछ सही तो जल्‍द ही दोनों देशों के बीच समुद्र मार्ग से आवाजाही शुरू हो जाएगी. भारत और श्रीलंका दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. इसके तहत दोनों देशों के बीच हवाई सफर को आसान बनाने के साथ फेरी सेवा यानी बोट के जरिये समुद्र के रास्‍ते से सफर भी शुरू किया जाएगा. इसके अलावा कारोबार को नया आयाम देने के लिए पोर्ट यानी बंदरगाह भी विकसित किए जाने की तैयारी है.

भारत ने भेजा अपना दूत

समुद्र के रास्‍ते श्रीलंका पहुंचने की संभावनाएं तलाशने के लिए भारत ने हाल में ही भारतीय हाई कमिश्‍नर संतोष झा को पड़ोसी देश में भेजा था. इसके लिए सरकार ने बाकायदा 3 सदस्‍यीय टीम बनाई थी, जो श्रीलंका के अधिकारियों के साथ नई संभावनाओं पर मंथन करके वापस लौटी है. संतोष ने बताया कि दोनों देशों के बीच कल्‍चरल, सोशल-इकनॉमिक और रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने के लिए कई संभावनाओं पर चर्चा हुई.

विकसित होगा नया एयरपोर्ट

भारतीय दल ने 3 दिन तक श्रीलंका के विभिन्‍न स्‍थानों का दौरा कर दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर करने और सस्‍ती सेवाओं को शुरू करने पर जोर दिया. इसके तहत पलाली एयरपोर्ट को विकसित किया जाएगा, जिसके लिए भारत बड़ी सहायता भी देगा. श्रीलंका ने साल 2023 में भी भारत से पलाली में नया रनवे विकसित किए जाने के लिए सहायता मांगी थी. इससे चेन्‍नई और पलाली के बीच हवाई सेवाएं शुरू की जा सकेंगी.

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