X (Twitter) यूज करने के लिए अब आपको देने होंगे पैसे, एलन मस्क ने बताई मजबूरी
अमेरिकी अरबपति और माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (पहले Twitter) के मालिक एलन मस्क ने कहा है कि नए यूजर्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने के लिए फीस का भुगतान करना होगा। मस्क का कहना है कि यूजर्स से थोड़ी सी फीस लेना बॉट्स से जुड़ी दिक्कत दूर करने का सबसे सीधा और आसान तरीका है।
इससे पहले भी मस्क ने रुख जाहिर किया था कि बिना यूजर्स से फीस लिए बॉट अकाउंट्स से पूरी तरह छुटकारा नहीं मिल सकता।
एलन मस्क खुद भी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर खासा ऐक्टिव रहते हैं। उन्होंने एक X अकाउंट के पोस्ट पर जवाब देते हुए बताया कि नए अकाउंट्स से फीस लेना ही बॉट्स को रोकने का इकलौता तरीका है। मस्क ने रुख जाहिर किया कि अब प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले सभी नए यूजर्स को कोई पोस्ट करने के लिए पहले एक फीस का भुगतान करना होगा। हालांकि, यह फीस ज्यादा नहीं होगी और इसका मकसद बॉट्स को रोकना भर होगा।
पैसे नहीं देना चाहते तो मिलेगा यह विकल्प
एलन मस्क ने CAPCHA जैसे टूल्स का उदाहरण देते हुए लिखा कि मौजूदा AI और ट्रोल फार्म्स आसानी से ‘are you a bot’ स्क्रीन को पास कर सकते हैं। यानी कि बॉट अकाउंट्स को मौजूदा सिस्टम के साथ पकड़ा या रोका नहीं जा सकता। मस्क ने एक और यूजर के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि नए अकाउंट्स अगर भुगतान नहीं करना चाहते तो अकाउंट बनाने के तीन महीने बाद बिना कोई फीस दिए पोस्ट कर पाएंगे।
मस्क ने लिखा, “दुर्भाग्य से नए यूजर को कुछ भी लिखने (पोस्ट करने) का ऐक्सेस देने से पहले एक छोटी फीस लेना ही बॉट्स से निपटने का इकलौता तरीका है।” उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था केवल नए यूजर्स के लिए है और उन्हें 3 महीने बाद फ्री में यह विकल्प मिलने लगेगा। साफ है कि अगर नए यूजर्स अकाउंट बनाते ही पोस्ट करना चाहते हैं तो उन्हें फीस चुकाते हुए साबित करना होगा कि वे बॉट नहीं हैं।
फिलहाल दो देशों में शुरू हुई है टेस्टिंग
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में होने वाले बदलावों की जानकारी देने वाले एक अकाउंट ने बताया कि कंपनी ने दो देशों में यह प्रयोग शुरू कर दिया है। न्यू जीलैंड और फिलीपींस में यूज4स को 1 डॉलर (करीब 85 रुपये) का सालाना भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है। नए अकाउंट्स बाकियों को फॉलो कर सकते हैं और पोस्ट्स पर रिऐक्ट कर सकते हैं लेकिन बिना फीस लिए कोई पोस्ट या रिप्लाई नहीं लिख सकते। बाद में यह बदलाव अन्य देशों में लागू हो सकता है।