एक अक्षर के फेर ने पलटी पूरी जिंदगी, मलेशिया की जगह पहुंच गए जेल, अब नर्क से बदतर हुई जिंदगी

दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट पर रात के करीब ढाई बजे थे. बैंकॉक से आई थाई एयरवेज की फ्लाइट TG-331 के एयरोब्रिज से पर लगते ही एयरलाइंस सिक्‍योरिटी स्‍टाफ चौकन्‍ना हो खड़े हो जाते हैं. जैसे ही फ्लाइट का गेट खुलता है, सुरक्षा कर्मी अंदर दाखिल होते हैं और एक शख्‍स को अपने साथ लेकर बाहर आ जाते हैं. एयरलाइंस सुरक्षा अधिकारी इस शख्‍स को लेकर सीधे इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अधिकारी सतीश कुमार के सामने ले जाकर खड़ा कर देते हैं.

पासपोर्ट अधिकारी सतीश कुमार को संबंधित दस्‍तावेज सौंपते हुए एयरलाइन सिक्‍योरिटी स्‍टाफ बताता है कि इस शख्‍स को बैंकॉक से डिपोर्ट किया गया है. पासपोर्ट के जरिए इस शख्‍स की पहचान पंजाब के पटियाला के अंतर्गत आने वाले सफदरपुर निवासी गुरप्रीत सिंह के रूप में होती है. दस्‍तावेजों की जांच में पता चलता है कि गुरप्रीत सिंह 30 जुलाई 2023 को यूपी के लखनऊ एयरपोर्ट से थाई एयर एशिया की फ्लाइट FD-147 से ऑन अराइवल वीजा पर बैंकॉक के लिए रवाना हुआ था.

जांच के दौरान इमीग्रेशन अधिकारी सतीश कुमार को दो इमीग्रेशन स्‍टैंप गुरप्रीत के पासपोर्ट पर मिलती हैं. पहली एराइवल स्‍टैंप पेज नंबर सात पर 31 जुलाई 2023 को थाईलैंड इमीग्रेशन द्वारा लगाई गई है. वहीं, 31 जुलाई 2023 तारीख की दूसरी स्‍टैंप पासपार्ट के पेज नंबर पांच पर भी लगी हुई है और यह मलेशिया इमीग्रेशन की एराइवल स्‍टैंप थी. गुरप्रीत के पासपोर्ट पर कोई ऐसा इमीग्रेशन स्‍टैंप नहीं था, जिससे यह पता चलता कि वह मलेशिया के लिए किए एयरपोर्ट से गया था.

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