फिर ‘भीख’ मांगने पहुंचे पाकिस्तान के पीएम, दाल-रोटी चलाने के लिए फैलाया हाथ
नई दिल्ली. पड़ोसी देश पाकिस्तान अपने हालात से उबर नहीं पा रहा. महंगाई और गरीबी से जूझ रहे देश के प्रधानमंत्री एक बार फिर पैसा मांगने पहुंचे हैं. उन्होंने गुहार लगाई है कि देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और खर्चा चलाने के लिए मदद की दरकार है.
इसके लिए पाकिस्तान के पीएम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद मांगने पहुंच गए. इससे पहले भी पाकिस्तान 23 बार कर्जा मांग चुका है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि पीएम शहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात की और नकदी संकट से जूझ रहे अपने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की. यूएई के रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 24 हजार करोड़ रुपये) की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया और आगे के लिए और सहायता मांगी.
जून में लिया था 24 हजार करोड़ कर्ज
पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था. पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है. पहले मिली सहायता की अवधि अप्रैल में ही समाप्त हो जाएगी, जिसके बाद वह नए फंड की तलाश कर रहा है.
रुक गई पाक की आर्थिक वृद्धि
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, ‘दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि पथ सकारात्मक बना रहे. पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि सुस्त पड़ गई है और उसे नई आर्थिक सहायता की दरकार है.’
पटरी पर लाएंगे अर्थव्यवस्था
पाक पीएम शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है. यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी.