प्रमोशन में आरक्षण पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, रद्द हुआ यह आदेश

Chhattisgarh High Court canceled reservation in promotion(वीरेंद्र गहवई): छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण मामले में बुधवार को बड़ा फैसला दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की खंठपीठ ने 2019 के राज्य सरकार के उस आदेश को पूरी तरह निरस्त कर दिया है जिसमें प्रमोशन में आरक्षण की बात कही गई है।

बता दें इससे पहले सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी थी। आज कोर्ट ने अपने आदेश में सरकार के आदेश का रद्द कर दिया है।

 

 

 

अदालत ने अपने आदेश में ये कहा?

पेश मामले में संतोष कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पूर्व सरकार ने आदेश को लागू करते हुए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के निर्देशों का पालन नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि शीर्ष अदालत ने प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए हर विभाग से जातिगत आंकड़ें एकत्रित कर केवल जरूरतमंद एससी और एसटी कर्मचारियों को ही इसका लाभ देने की बात कही थी।

सरकार ने जारी किया था ये आदेश

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 22 अक्टूबर 2019 को एक आदेश पारित किया था। इस आदेश में राज्य में प्रमोशन पर आरक्षण की नीति लागू की गई थी। जिसमें प्रथम से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देना तय किया गया था। अदालत को सुनवाई में बताया गया कि सरकार ने अनसूचित जाति को 13% और अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन में 32% फीसदी आरक्षण दिया था। इसी आदेश को हाई कोर्ट ने रद्द किया है। अदालत ने अपने आदेश में यह स्प्ष्ट किया कि पूर्व सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण का आदेश लागू करने से पहले कोई डाटा एकत्रित नहीं किया था।

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