रा तीरंदाज शीतल का शानदार प्रदर्शन, खेलो इंडिया राष्ट्रीय मीट में सक्षम खिलाड़ियों के बीच जीता रजत
इस साल की शुरुआत में हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतने के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित शीतल का जन्म फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ बीमारी के साथ हुआ था। वह पहली और एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पैरा तीरंदाज हैं जिनकी बांह नहीं है।
शीतल का मानना है कि खेलो इंडिया प्रतियोगिता में उनके प्रदर्शन से उन्हें आगे की चुनौतियों के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) की प्रेस विज्ञप्ति में शीतल के हवाले से कहा गया, ”इस नतीजे से मुझे अंतरराष्ट्रीय मंचों और ओलंपिक में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।”
एकता को स्वर्ण पदक जीतने के लिए 50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि मिली जबकि शीतल को 40 हजार रुपये मिले। टूर्नामेंट तीन श्रेणियों – सीनियर, जूनियर और सब जूनियर रिकर्व तथा कंपाउंड वर्ग में आयोजित किया गया था। इस प्रतियोगिता में 87 तीरंदाजों ने भाग लिया।