Parenting Tips: बच्चों की परवरिश करते समय ये बातें कभी न करें नजरअंदाज, वरना हो सकता बड़ा पछतावा

 किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी माँ सबसे जरूरी होती है। क्योंकि माँ ही वह है जो बच्चे को जन्म देने के साथ-साथ उसका उचित पालन-पोषण करके समाज में सक्षम बनाती है।और एक मां के तौर पर बच्चे का पालन-पोषण (child rearing) करना एक बड़ी चुनौती है और मां के जीवन का एक बड़ा हिस्सा इसी चुनौती को पूरा करने में बीत जाता है।

लेकिन आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. आपके बच्चे के पालन-पोषण में ये चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं। और इन टिप्स को अपनाकर न सिर्फ पैरेंट्स अपने बच्चे की अच्छे से परवरिश (bacho ki achi parvarish) कर सकते हैं बल्कि उन्हें एक अच्छा इंसान भी बना सकते हैं।

हर मां को पता होनी चाहिए ये बातें :-

सब्र है सबसे जरूरी :

आपको बता दें कि जब हम बच्चे की परवरिश करते हैं। तो उस समय एक मां के अंदर सब्र यानी पेशेंस होना बहुत ही (Patience is very important) जरूरी है।

क्योंकि छोटे बच्चे नखरे, जिद और बहुत सारी गलतियां करते हैं, ऐसे में मां को धैर्य खोए बिना उनके साथ डील करना होता है। क्योंकि छोटे बच्चेंं हमेशा प्यार की भाषा ही समझते हैं।

खुद पर विश्वास करना सीखिए :

जब भी बच्चे के पालन – पोषण की बात आती है तो सभी लोग अलग -अलग सलाह देते हैं। लेकिन जब आप अपने बच्चे को पाल रही हैं तो बच्चे की परवरिश को लेकर आपकी अपनी समझ होनी बहुत जरूरी है।

किसी भी मामले में आपका दिमाग और आपकी सोच क्या कहती है, यह बहुत जरूरी है. हालांकि, दूसरों की सलाह सुननी चाहिए लेकिन किसी भी स्थिति में यह ध्यान रखिए कि आपके बच्चे (Child) को आपसे ज्यादा कोई नहीं जानता है.

बच्चे के साथ-साथ खुद का भी रखिए ध्यान :

जब आप बच्चे की परवरिश कर रही हैं तो आपका अधिकतर समय बच्चे की देखभाल में निकल जाता है. लेकिन, इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप अपने ऊपर बिलकुल भी ध्यान ना दें. एक मां होने के साथ-साथ आप एक इंसान भी हैं, इसलिए अपने शौक जिंदा रखिए और रोजमर्रा की लाइफ में भी अपने लिए जरूर समय निकाले।

मदद मांगने में शर्म नहीं होनी चाहिए :

कई बार मां थक जाती है क्योंकि एक बच्चे के बहुत सारे काम होते हैं। इसलिए अपने परिवार या दोस्तों से इस संबंध में हेल्प लेना कोई बुरी बात नहीं है। एकदूसरे की मदद से ही परिवार चलते हैं. इसलिए जब भी जरूरत लगे तो काम को अपने ऊपर बोझ बनाने की बजाय परिवार, दोस्तों से मदद ले सकती हैं।

अपनी खामियों से सीख लीजिए :

हर किसी में कोई न कोई कमी जरूर होती हैं। क्योंकि पूरी दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं है। बच्चे की परवरिश (Parenting) में आपसे भी गलतियां हो सकती हैं। इनको दिल पर लेने के बजाय उनको ठीक करने और उनसे सबक लेने की कोशिश करनी चाहिए।

अपने बच्चे के दोस्तों पर भी रखिए नजर :

यह भी सच हैं कि बच्चों को अच्छी संगति देना एक मां का फर्ज है। जैसे लोगों के बीच आप रहेंगी, वैसा ही आपका बच्चा सीखेगा और वैसा ही उसका भी दायरा बनेगा. बच्चे के साथ समय बिताइए और उसका समय सही से मैनेज कीजिए. इससे आपका बच्चा आपकी ही तरह जिंदगी को जीने के नए-नए फलसफे सीख लेगा।

बहुत ज्यादा सख्ती जरूरी नहीं 

दरअसल, अगर आपका बच्चा कुछ नहीं सीख रहा है या उसे बहुत परेशान करता है तो ज्यादा सख्त होने की जरूरत नहीं है। बच्चे मासूम (children are innocent) होते हैं, वे एक पल रोते हैं और दूसरे पल हंसते हैं। उनके साथ लचीले रहें और देखें कि बच्चा कितना खुश रहता है।

बच्चे के साथ सौदेबाजी ना करें :

अगर आप अपने बच्चें से किसी काम को करने के लिए बोल रहे हैं। और यदि आपका बच्चा मना कर रहा, तो ऐसे में आप काम करने के लिए बच्चे को कुछ भी देने की शर्त नहीं होनी चाहिए।

बल्कि उसे उस काम को करने के लिए उचित रूप से प्रोत्साहित करने का प्रयास करें। लेकिन अगर वो कोई काम करे तो ही उसे रिवॉर्ड मिलेगा, ऐसी शर्तें नहीं रखनी चाहिए।

और बच्चों से किसी चीज का लालच देकर काम नहीं करवाना चाहिए। ऐसा करने पर आपका बच्चा हर काम के लिए लालच को ही आगे रखेगा और जिंदगी में आगे बढ़ने में दिक्कतें महसूस करेगा।

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