Patanjali case: एक उंगली पतंजलि पर उठा रहे हो तो चार आप पर उठ रही हैं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पर बरसा SC

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई शुरू कर दी है. योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण कोर्ट रूम में मौजूद हैं. indसुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से कहा कि जब वह पतंजलि पर उंगली उठा रहा है तो चार उंगलियां उन पर उठ रही हैं.

आईएमए डॉक्टर भी एलोपैथिक क्षेत्र में दवाओं का समर्थन कर रहे हैं. आईएमए से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा यदि ऐसा हो रहा है, तो हमें आप (आईएमए) से क्यों सवाल नहीं करने चाहिए.

केंद्र सरकार को इस पर जागना चाहिए

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है, हम सब कुछ देख रहे हैं. हम बच्चों, शिशुओं, महिलाओं को देख रहे हैं. केंद्र सरकार को इस पर जागना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले में पभोक्ता मामलों के मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय से सवाल पूछ रहा है. कोर्ट ने कहा, देशभर के राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों को भी पार्टियों के रूप में जोड़ा जाएगा. उन्हें भी कुछ सवालों के जवाब देने होंगे.

एफएमसीजी भी भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित कर रहे हैं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफएमसीजी भी जनता को भ्रमित करने वाले भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित कर रहे हैं. जिसका असर खासकर शिशुओं, स्कूल जाने वाले बच्चों और उनके उत्पादों का उपभोग करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लाइसेंसिंग अधिकारियों को मामले में पक्षकार बनाने को कहा है.

आईएमए को स्थिति दुरुस्त करनी होगी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्रालयों को तीन साल तक भ्रामक विज्ञापनों पर की गई कार्रवाई के संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आईएमए को अपने कथित अनैतिक एक्ट्स के संबंध में भी स्थिति दुरुस्त करनी होगी. जहां ऐसी दवाएं लिखी जाती हैं जो महंगी और अनावश्यक हैं. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आईएमए के कथित अनैतिक आचरण के संबंध में कई शिकायतें हैं.

यहां किसी विशेष पार्टी पर बंदूक नहीं चला रहे

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह यहां किसी विशेष पार्टी पर बंदूक चलाने के लिए नहीं है, यह उपभोक्ताओं या जनता के व्यापक हित में है. उन्हें कैसे गुमराह किया जा रहा है और सच्चाई जानने का उनका अधिकार है और वे क्या कदम उठा सकते हैं.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *