Rampur: ‘फरार’ घोषित होने के बाद अचानक कोर्ट पहुंचीं जया प्रदा, हिरासत में ली गईं, कठघरे में खड़ा रहना पड़ा

चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े दो मामलों में ‘फरार’ घोषित पूर्व सांसद और अभिनेत्री जया प्रदा यूपी की रामपुर अदालत में पेश हुईं. जहां बाद में उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई. कोर्ट ने जया प्रदा के खिलाफ जारी किए वारंट वापस ले लिए. दरअसल, सोमवार को सुनवाई के दौरान जया प्रदा अचानक कोर्ट पहुंची थीं इसके बाद वह सुनवाई के लिए जज के सामने पेश हुईं.

बता दें कि जया प्रदा 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से भाजपा की उम्मीदवार थी. इस चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के आजम खान से हार गई थीं. जया प्रदा 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर से लोकसभा के लिए चुनी गईं. लेकिन बाद में पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था.

इन मामलों में विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने कई बार समन जारी किया था लेकिन पूर्व सांसद अदालत में पेश नहीं हुईं. इसके बाद उनके खिलाफ सात बार गैर जमानती वारंट जारी हुए, मगर पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश नहीं कर सकी.

कोर्ट ने गिरफ्तार करने का दिया था आदेश 

27 फरवरी को अदालत ने जया प्रदा को ‘फरार’ घोषित कर दिया. साथ ही पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने और 6 मार्च को उनके सामने पेश करने का निर्देश दिया. इसी क्रम में बीते दिन (4 मार्च) जया प्रदा अपने वकीलों के साथ रामपुर पहुंचीं और एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत में पेश हुईं.

जया प्रदा को कठघरे में खड़ा रहना पड़ा

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सबसे पहले उन्हें न्यायिक हिरासत में लिया. नतीजा ये हुआ कि उन्हें कुछ देर तक कठघरे में खड़ा रहना पड़ा. वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने कहा- उनकी (जया प्रदा) याचिका पर विचार करते हुए कि वह अस्वस्थ हैं, अदालत ने बाद में उन्हें सशर्त जमानत दे दी और उन्हें 20,000 रुपये की दो जमानत राशि जमा करने का आदेश दिया.

उन्होंने (जया प्रदा) अदालत को आश्वासन दिया कि वह प्रत्येक सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष उपस्थित होंगी और उपस्थिति से छूट के लिए कोई आवेदन दायर नहीं किया जाएगा.

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