किसान ने पुरानी खेती छोड़ शुरू किया ये काम, टर्नओवर पहुंचा करोड़ के पार, प्रधानमंत्री भी हुए मुरीद

समय के साथ बदलाव हमेशा लाभ देता है, वो चाहे जो भी काम हो. बात करते हैं किसानों की, जिन किसानों ने समय के साथ अपने आप को बदला वे लाभ में हैं, उनकी आय भी बढ़ी, समाज में मान सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा भी बढ़ी. और जो आज भी परंपरागत खेती कर रहे हैं, वो उसी हाल में है, जहां पर पहले थे. पश्चिमी यूपी के एक ऐसे किसान की कहानी है, जिसने कुछ समय पहले परंपरागत खेती छोड़ी और बीज का उत्‍पादन करने लगा. आज उसने आसपास के तमाम किसानों को अपने साथ जोड़ रखा है कि उसका टर्नओवर करोड़ से ऊपर पहुंच चुका है. आइए जानें इस किसान की कहानी!

शिकारपुर, बुलंदशहर, उत्‍तर प्रदेश के रहने वाले किसान कुलवंत सिंह कुछ वर्ष पहले तक अन्‍य किसानों की तरह परंपरागत खेती करते थे और साधारण जीवन यापन करते थे. उसी दौरान उनको पता चला कि पूसा किसानों से बीजों का उत्‍पादन कराता है, इसमें हर तरह की मदद भी करता है और अच्‍छे दामों में बीज खरीदता भी है, जिससे कमाई भी अच्‍छी होती है.

उन्‍होंने इंडियन एग्रीकल्‍चर रिसर्च इंस्‍टीट्यूट (आईएआरआई-पूसा) दिल्‍ली से संपर्क किया. पूसा ने उन्‍हें ट्रेनिंग दी और उनकी जलवायु और मिट्टी के अनुकूल बीज भी उपलब्‍ध कराए. इससे उनकी कमाई पहले से बेहतर हुई. इसके बाद उन्‍होंने कुछ अन्‍य किसानों को अपने साथ जोड़ा और एक समूह जैसा बना लिया और सभी किसानों ने मिलकर बीज उत्‍पादन शुरू किया.

मांग के अनुसार करते हैं उत्‍पादन

समूह में जुड़े सभी किसान बाजार की मांग के अनुसार बीज का उत्‍पादन करते हैं. इसकी जानकारी पूसा के वैज्ञानिक देते हैं. अच्‍छी किस्‍म का बीज भी पूसा द्वारा उपलब्‍ध कराया जाता है. अगर फसल में किसी तरह की बीमारी लग रही है या अन्‍य किसी तरह की समस्‍या आती है तो पूसा के वैज्ञानिक गांव जाकर किसानों की मदद करते हैं.

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