काशी में बिछेगा सड़कों का जाल: 12 हजार करोड़ से बनेगा 300 KM का आउटर रिंगरोड, बढ़ेगी वाराणसी की कनेक्टिविटी

300 किलोमीटर की आउटर रिंगरोड बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को शासन ने हरी झंडी दे दी है। इसके निर्माण में 12 हजार करोड़ खर्च होंगे। धनराशि मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

वाराणसी से आस-पास के शहरों को जोड़ने के लिए चारों ओर सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से 300 किलोमीटर की आउटर रिंगरोड बनाई जाएगी। जो बनारस से सटे चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर को जोड़ेगी। इसके निर्माण में करीब 12 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजे गए इस प्रस्ताव को शासन ने हरी झंडी दे दी है। धनराशि मिलते ही काम शुरू होगा।

बदलते बनारस को भारी वाहनों से मुक्ति दिलाने व आस-पास के जिलों को बाहरी मार्गों से जोड़ने के लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से सार्थक कदम उठाया गया है। प्रस्ताव के मुताबिक बनारस से सटे चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर को जोड़ने और दूरी कम करने के लिए आउटर रिंग रोड बनाई जाएगी। जिले में पहले से बनी रिंग रोड ने ट्रैफिक काे काफी हद तक कम किया है। इसी तर्ज पर आउटर रिंग रोड की परिकल्पना की गई। इसे लेकर ऊर्जा, नगर विकास एवं शहरी समग्र विकास मंत्री एके शर्मा ने आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव तैयार कराया।

पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजे गए इस प्रस्ताव को शासन ने हरी झंडी दे दी है। बजट का आवंटन भी जल्द होगा। बजट मिलते ही काम शुरू होगा। मार्च 2027 तक इस परियोना को पूरा करने का लक्ष्य है। आउटर रिंग रोड में स्टेट और नेशनल हाईवे को कनेक्ट करते हुए डीपीआर तैयार की गई है। इससे कई जिलों की दूरी कम होने के साथ पर्यटक और रोजाना सफर करने वालों का सफर आसान हो जाएगा। आसपास जिलों के काशी को दर्शन आने वाले श्रद्धालुओं को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और यातायात सुगम होगा।

पहले चंदौली में शुरू होगा निर्माण

आउटर रिंग रोड के पहले चरण में चंदौली जिले में 29 किलोमीटर फोरलेन आउटर रिंग रोड बनाई जाएगी।इसमें करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लोक निर्माण विभाग इसके लिए तैयारी में जुटा है। विभाग को बजट कर इंतजार है। वहीं, अन्य जिलों की सड़कों के लिए फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है।

सड़क बनने से बढ़ेगा व्यापार

वाराणसी के आसपास के जिलों को जोड़ने के लिए बनाई जा रही आउटर रिंगरोड से व्यापार बढ़ेगा और आसपास के जिलों की भी अर्थव्यवस्था सुधरेगी। वाराणसी बड़ी-बड़ी मंडियों और बाजारों का गढ़ है। यहां प्रतिदिन पांच हजार से अधिक लोग अन्य जिलों से खरीदारी करने आते हैं। रिंगरोड बन जाने से वाराणसी की दूरी कम होगी व्यापार सुगम होगा।

इन रास्तों को जोड़ेगी आउटर रिंगरोड

वाराणसी के राष्ट्रीय राजमार्ग से चुनार- मीरजापुर एनएच-35, मीरजापुर से भदोही, जौनपुर होते हुए औराई वाया एनएच-135 ए, गाजीपुर से जमनिया होते सैयदरजा वाया एनएच-24, जौनपुर से लालगंज वाया एसएच-66ए, लालगंज से सादात वाया एमडीआर-153ई, सादात से गाजीपुर (जखनिया-गाजीपुर मार्ग), चकिया से चुनार (चकिया से अहरौरा मार्ग), चकिया से सैयदराजा ग्रीन फील्ड मार्ग, चकिया से सैयदराजा मार्ग।

क्या कहते हैं अधिकारी

आउटर रिंगरोड के प्रस्ताव को शासन ने हरी झंडी दे दी है। चंदौली के अलावा अन्य जिलों की डीपीआर की प्रक्रिया चल रही है। शासन से पहले चंदौली के लिए बजट की मांग की गई है। बजट मिलते ही निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी।

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