Saurabh Kumar:क्रिकेटर बनने के लिए सौरभ ने छोड़ दी थी एयर फोर्स की नौकरी, रेलवे स्टेशन के पार जाते थे छक्के

2015 में एयरफोर्स की नौकरी छोड़कर वह उत्तर प्रदेश से क्रिकेट खेलने लगे थे। सौरभ की गेंदबाजी का कोई तोड़ नहीं है। उनके साथी बताते हैं कि बड़ौत में खेल के दौरान सौरभ के छक्के रेलवे स्टेशन के पार जाते थे। इसके बाद उन्हें सिक्सर किंग और शेन वॉर्न कहा जाने लगा।

उत्तर प्रदेश के बड़ौत नगर के रेलवे स्टेशन के पार छक्का मारने वाले सिक्सर किंग व शेन वॉर्न नाम से प्रसिद्ध क्रिकेटर सौरभ कुमार को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया। उन्होंने क्रिकेटर बनने का सपना पूरा करने के लिए इंडियन एयरफोर्स की नौकरी भी छोड़ दी। उन्हें टीम इंडिया में शामिल किए जाने पर स्थानीय क्रिकेटरों व खिलाड़ी काफी उत्साहित हैं।

सौरभ का परिवार मूल रूप से मुजफ्फरनगर में बुढ़ाना क्षेत्र के गांव बिटावदा का निवासी है। वर्ष 2004 में गांव छोड़कर बड़ौत के आजाद नगर में रहने लगे थे। इसके बाद 2006 में परिवार मेरठ में शिफ्ट हो गया। काफी समय तक सौरभ ने बड़ौत, बागपत में ही क्रिकेट खेला है। 2015 में एयरफोर्स की नौकरी छोड़कर वह उत्तर प्रदेश से क्रिकेट खेलने लगे। फिलहाल सौरभ का परिवार राजनगर में रह रहा है। सौरभ दो भाई और एक बहन हैं। बड़ा भाई गौरव एयरफोर्स में कार्यरत है। मां ऊषा गृहणी हैं।

उनके चयन के बाद मेरठ, मुजफ्फरनगर के अलावा बागपत के बड़ौत में भी खुशी का माहौल देखा गया। वह बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी करते हैं और लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज हैं। शहीद शाहमल क्रिकेट एकेडमी के कोच प्रतीक तोमर ने बताया कि जब सौरभ खेलता था, तो दूरदराज से क्रिकेट खिलाड़ी व दर्शक जुट जाते थे।

सौरभ की बल्लेबाजी व गेंदबाजी का कोई तोड़ नहीं है। आजादनगर काॅलोनी में जब मैच रखा जाता था, तो बल्लेबाजी के दौरान कई बार सौरभ के छक्के नगर के रेलवे स्टेशन के पार भी चले जाते थे।

बाएं हाथ के स्पिनर सौरभ कुमार की गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर गेंदबाज शेन वॉर्न की तरह टर्न होती है और कई विकेट झटक लेते हैं। बताया कि पहले भी भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं, लेकिन अब तक अंतरराष्ट्रीय डेब्यू नहीं कर सके हैं।

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